Supertech twin tower case: सुपरटेक एमरॉल्‍ड कोर्ट प्रोजेक्‍ट पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के आदेश के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी सख्‍त रुख अपनाया है. सीएम योगी ने  सुपरटेक एमरॉल्‍ड कोर्ट प्रोजेक्‍ट के ट्विन टावरों के निर्माण में नियमों की अनदेखी के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच और सख्‍त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने अधिकारियों को दोषी लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं. 

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट (Supertech Emerald Court Project) के टावर-16 और 17 को अवैध ठहराया और दोनों टावरों को ढहाने का आदेश दिया. दोनों ही टावर 40 मंजिला हैं. SC ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए दोनों टावर को तीन महीने में ढहाने के आदेश दिए हैं.

बिल्‍डर-अधिकारियों में साठ-गांठ 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बिल्‍डर और अधिकारियों के बीच साठगांठ की बात कही. कोर्ट ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और बिल्‍डर की मिलीभगत से ही यह कंस्‍ट्रक्‍शन हो पाया है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि दोनों टावर तीन महीने में ढहा दिए जाए. निर्माण  ढहाने पर होने वाले खर्च की वसूली बिल्‍डर से की जाए.

शीर्ष कोर्ट ने साफ तौर कहा है कि बिल्‍डर बॉयर्स को 2 महीने में पैसा वापस करे. दोनों ही ट्वीन टावर में करीब 1000 फ्लैट हैं. सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के नोएडा सेक्‍टर 93 (Sector 93A) में है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि बॉयर्स को पूरा रिफंड करने के साथ बिल्‍डर RWA को 2 करोड़ रुपये दे.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में दिए थे आदेश

अप्रैल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों ही टावर को चार महीने में गिराने और अपार्टमेंट बॉयर्स को पैसे लौटाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा आथॉरिटी की ओर से सुपरटेक को दो अतिरिक्‍त 40 मंजिला टावर के कंस्‍ट्रक्‍शन की मंजूरी देना, नियमों का उल्‍लंघन था. सुपरटेक ने कोर्ट में दलील दी थी कि ट्वीन टावर का कंस्‍ट्रक्‍शन गैरकानूनी नहीं है. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.