Ripudaman Singh Malik murder in Canada: कनाडा में रहने वाले कारोबारी रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसका मर्डर गुरुवार सुबह कनाडा (Canada) के ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर में हुआ. रिपुदमन सिंह मलिक का नाम वर्ष 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट (Air India bombing Case) के अपहरण मामले में सामने आया था. इस घटना में फ्लाइट में सवार सभी लोग बम विस्फोट की वजह से हवा में ही मारे गए थे. इस मामले में 2005 में सबूतों के अभाव में मलिक को बरी कर दिया गया था. 

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रिपुदमन सिंह मलिक के रिश्तेदार जसपाल सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया, 'हमें नहीं पता कि किसने रिपुदमन की हत्या की. उनकी छोटी बहन कनाडा पहुंच रही हैं.' पुलिस के मुताबिक, मलिक पर गुरुवार सवेरे करीब 9 बजे सर्रे में उनके ऑफिस के बाहर फायरिंग की गई. मलिक को इतने पास से गोलियां मारी गईं थीं कि उसका बचना नाममुकिन था. सूत्रों के मुताबिक, जिस जगह रिपुदमन मलिक की हत्या हुई, वहां से कुछ दूरी पर एक जली हुई कार भी बरामद हुई है. हालांकि पुलिस अभी तक दोनों घटनाओं में कोई कनेक्शन नहीं जोड़ पाई है. माना जा रहा है कि यह टारगेट किलिंग की घटना थी, जिसे सुनियोजित तरीके से प्लान करके अंजाम दिया गया.

कनिष्‍क विमान बम हादसे में आया था नाम

रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) कथित रूप से एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए बम विस्फोट की साजिश में शामिल था. 1985 में हुई इस घटना में एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर-182, जिसे कनिष्क भी कहा जाता था. वह 23 जून 1985 को कनाडा से उड़कर भारत की ओर चली. उसी दौरान आयरलैंड के समुद्री किनारे के पास पहुंचने पर उसमें जोरदार धमाका हुआ (Air India bombing Case) और प्लेन के चिथड़े उड़ गए. इस घटना में प्लेन में सवार सभी 329 लोगों की जान चली गई थी. 

मरने वालों में यात्रियों समेत क्रू मेंबर भी शामिल थे. जिन लोगों की इस घटना में जान गई, उनमें 280 कनाडियन-नागरिक थे. इस लोमहर्षक घटना में 29 परिवार पूरी तरह खत्म हो गए. वहीं 86 बच्चे, जिनकी उम्र 12 साल से कम थी, वे भी इस बम विस्फोट में मारे गए. रिपुदमन सिंह मलिक को कथित रूप से आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ माना जाता था. इस संगठन को कनाडा, भारत, अमेरिका समेत कई देशों ने अपने यहां बैन किया हुआ है. 

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2005 में हुआ था बरी

रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) और दूसरे सह-अभियुक्त अजायब सिंह बागड़ी को वर्ष 2005 में इस बम विस्फोट में बरी कर दिया गया था. बरी होने से पहले वह 4 साल तक जेल में रहा था. बरी होने के बाद मलिक ने कनाडा (Canada) सरकार से उसे मुआवजे के नाम पर 9.2 मिलियन डॉलर देने की मांग की थी, जिसे ब्रिटिश कोलंबिया के जज ने रिजेक्ट कर दिया था. 1985 में एयर इंडिया की फ्लाइट में हुआ बम विस्फोट (Air India bombing Case) कनाडा के इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी आतंकी वारदात मानी जाती है. इस के मुजरिमों को कनाडा आज तक सजा नहीं दिला पाया है. 

रिपुदमन सिंह मलिक पर भारत ने एक दशक तक देश में घुसने पर बैन लगाए रखा. सिख संगठनों के अनुरोध पर मोदी सरकार ने उसे 2020 में सिंगल एंट्री वीजा दिया. इसके बाद हाल ही में 2022 में मल्टीपल वीजा दिया गया था. जिसके बाद उसने मई में दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा की थी.