राममनोहर लोहिया अस्पताल में कैंसर से जूझ रहे गरीब मरीजों को इलाज के दौरान टेस्ट और दवाई का कोई खर्च नही उठाना पड़ेगा. आरएमएल ने एक स्वयंसेवी संस्था आओ साथ चलें के साथ गरीब मरीजों की मदद के लिए करार किया है. इसके तहत ऐसे मरीजों को चिन्हित किया जाएगा जिनके पास इलाज और दवाई का पैसा नही है. संस्था कुछ मरीजों को गोद लेगी और इलाज के दौरान इनकी दवाई और टेस्ट का खर्च वहन किया जाएगा. मंगलवार को राममनोहर लोहिया अस्पताल के सभागार में इस अभियान की विधिवत शुरुआत की गई. इसका मकसद है बिना इलाज के कोई न लौटे.

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24 घंटे मौजूद वालिंटियर करेंगे मदद

सामाजिक संस्था आओ साथ चलें के संयोजक विष्णु मित्तल ने बताया कि अस्पताल में 24 घंटे संस्था के वालिंटियर मौजूद रहेंगे. अस्पताल परिसर के ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में वालिंटियर मौजूद रहेंगे. मरीजों के रजिस्ट्रेशन से लेकर डॉक्टर को दिखाने और दवा दिलाने व अन्य सुविधाओ में इनकी मदद ली जा सकती है. उन्होंने कहा कैंसर वार्ड में कई ऐसे मामले सामने आते हैं जहाँ अगर मरीज लड़की है तो परिवार के लोग उसका इलाज कराना नही चाहते. ऐसी लड़कियों का इलाज संस्था की प्राथमिकता में होगा.

इस सुविधा को अन्य अस्पतालों में बढ़ाया जाएगा

अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर वी के तिवारी ने कहा अस्पताल को मैन पावर की जरूरत है. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद बड़ी सेवा है जिसका बीड़ा संस्थान ने उठाया है. संस्था को गरीब मरीजों की मदद के अभियान में अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम पूरा सहयोग करेगी. अस्पताल के डीन डॉक्टर सूद ने इसे बड़ी पहल बताया, उन्होंने कहा इस सुविधा का धीरे धीरे विस्तार किया जा सकता है. इस मौके पर पर्यावरणविद प्रोफेसर शंकर लाल गर्ग ने इस अभियान को दिल्ली व देश के अन्य अस्पतालों में भी शुरू करने का आह्वान किया.

 

अस्पताल देगा मरीजों की लिस्ट

अस्पताल प्रशासन और संस्था के बीच बनी सहमति के मुताबिक संस्था की ओर से मरीजों की मदद के लिए ओपीडी और इमरजेंसी में शुरू में 15 वालिंटियर उपलब्ध कराए जाएंगे. फिर ये संख्या बढ़कर 50 तक पहुंचेगी. हर वार्ड की जरूरत पर टीम रिसर्च कर रही है. जिन कैंसर मरीजों को मुफ्त दवा उपलब्ध कराई जानी है उनकी लिस्ट अस्पताल प्रशासन उपलब्ध कराएगा. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद आरएसएस के प्रांतीय कार्यवाह भारत भूषण ने कहा इस अभियान में ऐसे लोगों को मदद करनी चाहिए जो सामर्थ्यवान हैं.