दिल्ली-NCR में पिछले दो दिनों से बारिश का माहौल दिख रहा है. दिल्ली में तो कुछ इलाकों में शनिवार को ठीक-ठाक बारिश (Delhi Rains) हुई भी, लेकिन नोएडा के अधिकतर इलाके बस बादल को ही ताकते रहे. कुछ एरिया को छोड़ दें तो बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी. 14 अप्रैल, रविवार को पूरा दिन इसी इंतजार में निकल गया कि कब बारिश होगी, लेकिन बारिश नहीं हुई. 15 अप्रैल, सोमवार को भी सुबह बादल घिरे रहे, लेकिन बरखा नहीं आई. ऐसे में एक उत्सुकता सी जगती है कि घने-काले बादल घिरे होने के बावजूद कभी-कभी बिल्कुल बारिश भी क्यों नहीं होती? दरअसल, इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं.

अचानक हुई बारिश के पीछे क्या कारण थे?

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बारिश के लिए उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) को जिम्मेदार ठहराया है. मौसम विभाग ने दिल्ली में रविवार को तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है. विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में 12 अप्रैल को आए सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण आकाश में बादल छाए रहेंगे और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे राजधानी में तापमान लगभग 33 प्रतिशत तक गिर जाएगा. पश्चिमी विक्षोभ का असर 18-19 अप्रैल तक रहेगा. तब तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल के बाद तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ना शुरू हो जाएगा.

बादल घिरे होने के बावजूद क्यों नहीं होती बारिश?

बारिश कैसे होती है, बादलों से. बादल पानी की बूंदों से बनते हैं और ये बूंदें आपस में दबती हैं और संघनित होती हैं.  जब ये पानी की बूंदें इतनी भारी हो जाती हैं कि बादलों में टिके नहीं रह पातीं, तब ये धरती पर गिरती हैं और हम इसे बारिश कहते हैं. लेकिन आपने देखा होगा कि कभी-कभी बादल दिनभर लगे हुए हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है. इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं-

1. ऐसा तब होता है जब नीचे गर्म हवा तेज होती है. जब हवा की तेज गर्म धारा के कारण भीगे हुए बादल बरस नहीं पाते हैं. पानी की जो बूंदें होती हैं, उनका संघनन नहीं हो पाता है और वो नीचे नहीं गिर पातीं. 

2. एक कारण ये भी हो सकता है कि जो बादल इकट्ठा हो रहे हैं वो इतने कम समय के लिए इकट्ठा हो रहे हैं या फिर इतने कमजोर होते हैं कि वो बारिश नहीं कर पाते.

3. एक और फिनॉमिना होता है Virga. जब जमीन पर या वातावरण के निचले स्तर पर हवा रूखी होती है तो बारिश की बूंदे धरती पर आने से पहले वाष्पित हो जाती है. यानी कि ऊपर बारिश हो रही है, लेकिन नीचे तक आने से पहले ही ये भाप बनकर उड़ जाती है.