मार्च का महीना चल रहा है और सूरज की तपिश बढ़ रही है. गर्मी के मौसम में बिजली कटौती की समस्या नहीं हो, इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है. यूनियन पावर मिनिस्ट्री ने बिजली की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए  बहु आयामी रणनीति तैयार किया है. बिजली मंत्री आरके सिंह ने आने वाले समय में खपत की संभावनाओं  को रिव्यू किया. पावर जेनरेशन और पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों से कहा गया कि चिलचिलाती गर्मी में बिजली की कटौती नहीं होनी चाहिए.

रेलवे, कोल और पावर मिनिस्ट्री के अधिकारी हुए शामिल

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आरके सिंह की तरफ से की गई रिव्यू बैठक में रेलवे, कोल और पावर मिनिस्ट्री के बड़े-बड़े अधिकारी शामिल हुए. रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने भरोसा दिया कि कोयला सप्लाई में रेलवे की तरफ से कोई समस्या नहीं होगी. कोयले का ट्रांसपोर्टेशन समय पर भरपूर मात्रा में किया जाएगा.

फुल कैपेसिटी के साथ उत्पादन शुरू करें

इस रिव्यू बैठक में खासकर कोयला आधारित पावर कंपनियों को लेकर निर्देश जारी किया गया है. 16 मार्च से कोयला आधारित पावर प्लांट्स फुल कैपेसिटी के साथ काम करेंगे. गैस आधारित पावर प्लांट उत्पादित बिजली का इस्तेमाल पीक डिमांड को पूरा करने में किया जाएगा.

गैस आधारित प्लांट का भी होगा इमरजेंसी में इस्तेमाल

पावर मिनिस्ट्री ने NTPC से कहा कि वह 5000 मेगावाट गैस-आधारित पावर स्टेशन को अप्रैल-मई के दौरान जरूरत पड़ने पर एडिशनल लोड को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करे. इसके अलावा 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन अन्य गैस आधारित पावर प्लांट्स की तरफ से किया जाएगा. GAIL पहले ही कह चुका है कि वह गैस की अबाध सप्लाई जारी रखेगी.

अप्रैल महीने में बिजली की होगी पिक डिमांड

CEA यानी सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के मुताबिक, अप्रैल में पीक पावर डिमांड 229GW तक पहुंच सकती है. उसके बाद अगले 3-4 महीनों के लिए मानसून के कारण पावर डिमांड घट जाती है. देश की अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से ग्रो कर रही है. उसके अनुरूप पावर डिमांड सालाना आधार पर 10 फीसदी की दर से बढ़ रही है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें