Power Crisis: देश के ताप बिजली संयंत्रों (thermal power plants) 9 में कोयला भंडार (coal reserves) की स्थिति सुधर रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खानों से दूर स्थित ऐसी बिजली परियोजनाएं जिनके पास चार दिन से कम (सुपर क्रिटिकल स्टॉक) का कोयला भंडार है, की संख्या सोमवार को घटकर 58 पर आ गई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक सप्ताह पहले ऐसे बिजली संयंत्रों की संख्या 69 थी.

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खबर के मुताबिक, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के कोयला भंडार पर ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चार दिन से कम के कोयला भंडार वाली परियोजनाओं की संख्या 18 अक्टूबर को घटकर 58 रह गई. 11 अक्टूबर को चार दिन से कम भंडार वाली परियोजनाओं की संख्या 69 थी.

संयंत्रों को कोयला आपूर्ति की स्थिति में सुधार 

आंकड़ों से पता चलता है कि 17 अक्टूबर, रविवार को ऐसे बिजली संयंत्रों की संख्या 61 थी. इन आंकड़ों से पता चलता है कि बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति की स्थिति में सुधार आ रहा है. सीईए 135 ताप बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार की स्थिति पर नजर रखता है. इन संयंत्रों की सामूहिक उत्पादन क्षमता 1,65,000 मेगावाट की है.

कोयले की आपूर्ति में प्राथमिकता दे रही है कोल इंडिया

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने मंगलवार को कहा कि बिजली उत्पादकों के सूखे ईंधन के घटते भंडार के मद्देनजर वह उन्हें अस्थायी रूप से कोयले की आपूर्ति में प्राथमिकता दे रही है. देश के बिजली संयंत्रों के ईंधन की कमी से जूझने के बीच यह बयान महत्वपूर्ण है. सीआईएल ने एक बयान में कहा, "कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी के कारण बिजली संयंत्रों में भंडार की कमी के स्थिति को देखते उन्हें कोयले की आपूर्ति में प्राथमिकता दी गयी है.

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इस उद्देश्य को जल्द से जल्द प्राप्त करने के लिए, कोयला कंपनियों को सलाह दी गयी है कि वे बिजली के लिए विशेष फॉरवर्ड ई-नीलामी को छोड़कर आगे कोयले की ई-नीलामी करने पर अस्थायी रूप से धीमी गति से चलें. बयान के अनुसार यह उपाय विद्युत क्षेत्र में इस समय ऊंची मांग की स्थिति से निपटने के लिए किया गया है और जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.