FSSAI ने बोतलबंद/ पैकेज्ड पानी और मिनरल वॉटर निर्माताओं के लिए BIS सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया है. सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को भेजे पत्र में FSSAI ने यह निर्देश दिया है. यह निर्देश एक अप्रैल, 2021 से लागू होगा.

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भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेटबंद पानी और मिनरल वॉटर वाली कंपनियों के लिए लाइसेंस हासिल करने या पंजीकरण के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का प्रमाणन (Certification) जरूरी कर दिया है. सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को भेजे पत्र में FSSAI ने यह निर्देश दिया है. 

FSSAI ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2008 के तहत सभी खाद्य कारोबार परिचालकों (FBO) के लिए किसी खाद्य कारोबार को शुरू करने से पहले लाइसेंस/पंजीकरण हासिल करना अनिवार्य होगा.

नियामक ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (प्रतिबंध एवं बिक्री पर अंकुश) नियमन, 2011 के तहत कोई भी व्यक्ति BIS प्रमाणन चिन्ह के बाद ही पैकेटबंद पेयजल या मिनरल वॉटर की बिक्री कर सकता है.

इससे पहले 2019 में रेलवे स्टेशनों के कई स्टालों को अनधिकृत ब्रांडों के पेयजल की बोतलों को पैक कर बेचते पाया गया था. भ्रष्टाचार की जड़ तक जाने के इरादे के साथ विशेष मुहिम में प्रिंसिपल चीफ सिक्युरिटी कमिश्नर लगातार कार्रवाई कर रहे थे.

इसके बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कमर्शियल इंस्पेक्टर ने 1 आदेश जारी किया था. इसमें तय हुआ कि अगर वेंडर के पास अनाधिकृत ब्रांड वाला पानी मिलता है तो उसे मुफ्त में यात्रियों को बांट दिया जाएगा. आदेश की कॉपी सभी स्टॉलों पर चिपका दी गई थी. इसके मुताबिक रेल नीर और अन्य 6 मंजूर ब्रांड का पानी ही बेच सकते हैं. बिलासपुर मंडल के वाणिज्य विभाग ने यह नियम 1 माह पहले जारी किया था.

रेलवे ने अपने सभी जोनल प्रिंसिपल चीफ सिक्युरिटी कमिश्नरों (PCSC) को अनधिकृत पैक पेयजल ब्रांडों की बिक्री पर कार्रवाई करने को कहा था. अगर कोई वेंडर अनाधिकृत ब्रांड का पानी बेचते हुए दिखाई दिया तो उस पर जुर्माना लगाने को कहा था.

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