Oxford University Corona vaccine: कोरोना वैस्सीन (coronavirus vaccine) का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. कई देशों में कई वैक्सीनों का ट्रायल फाइनल स्टेज में है. अच्छी बात ये है कि इनमें से कई वैक्सीन तो कोरोना के इलाज में 90 फीसदी से ज्यादा असरदार साबित हो रही हैं.

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इस मामले में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford) की वैक्सीन ज्यादा कारगार साबित हो रही है. क्योंकि एक तो इसके नतीजे अच्छे निकलकर आ रहे हैं. दूसरा इसकी कम कीमत और फिर कम तापमान पर इसको स्टोर किया जाना, इसे अन्य वैक्सीन से अलग बनाता है.

AZD1222 और Covishield

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) कंपनी ने मिलकर कोरोना का टीका तैयार किया है. इस टीके को AZD1222 नाम से तैयार किया जा रहा है. जबकि भारत में यही वैक्सीन कोवीशील्ड (Covishield) के नाम से तैयार हो रही है.

ट्रायल के अच्छी नतीजे (Covid-19 vaccine Trail)

इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के रिजल्ट जारी किए गए हैं. रिजल्ट में दो बार की खुराक के सामूहिक आंकड़ों को देखें तो टीके का असर 70.4 प्रतिशत देखा गया. वहीं दो अलग-अलग खुराकों में इसका असर एक बार 90 प्रतिशत और दूसरी बार में इसका असर 62 प्रतिशत रहा.

 

ज्यादा असरदार है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की Corona Vaccine

दूसरे तरीके के ट्रायल में ब्राजील में एक महीने में वैक्सीन के दो पूरी खुराक दी गईं. इस ट्रायल में वैक्सीन का असर 62 प्रतिशत तक देखने को मिला. 

दोनों तरीकों के नतीजों का औसत नतीजा 70 प्रतिशत रहा है. मेडिकल साइंस में 70 प्रतिशत प्रभावी दवा को भी अच्छा माना जाता है. 

वैक्सीन की कीमत (Corona Vaccine Price)

कोरोना के मरीजों को वैक्सीन की दो खुराक देनी होंगी. फाइजर (Pfizer Vaccine) की इन दो खुराक की कीमत 3,000 रुपये बैठती है. मॉडर्ना (Moderna Vaccine) की दो खुराक की कीमत 5,550 रुपये होगी. जबकि, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की डोज की कीमत 1000 से 1200 रुपये की बीच होगी. 

कितना तापमान है जरूरी (Vaccine Storage temperature)

फाइजर (Pfizer) कंपनी की वैक्सीन को स्टोर करने के लिए  -70 डिग्री तापमान की जरुरत होगी. मॉडर्ना (Moderna) की वैक्सीन को महफूज रखने के लिए -20 डिग्री तापमान की जरूरत होगी. जबकि, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान पर रखा जा सकता है. 

कम कीमत और अधिक तापमान पर स्टोर करने की क्षमता ही ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को अन्य कंपनियों की वैक्सीन से अलग बनाती है. 

भारत में कोवीशील्ड (Covishield in India)

भारत में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India) कोवीशील्ड (Covishield) के नाम से तैयार कर रहा है. भारत में भी कोवीशील्ड का ट्रायल फाइनल स्टेज में है. इस ट्रायल के नतीजे अगले साल जनवरी में आ जाएंगे. 

जनवरी तक 10 करोड़ डोज तैयार (100 Million Doses)

नीति आयोग के मुताबिक, अगर एस्ट्राजेनेका को इंग्लैंड में मंजूरी मिलती है तो भारत में तीसरे चरण के ट्रायल के पूरे होने से पहले ही कोवीशील्ड (Covishield) को मंजूरी मिल सकती है. आयोग के मुताबिक अगर डीसीजीआई वैक्सीन को मंजूरी दे देता है तो जनवरी के शुरूआत में भी भारत में कोवीशील्ड की 4 करोड़ डोज तैयार हो जाएंगी. हालांकि कंपनी ने जनवरी 2021 तक 10 करोड़ खुराक का स्टॉक तैयार कर लेने और फिर जनवरी से 5-6 करोड़ वैक्सीन हर महीने बनाने का दावा किया है. 

वैक्सीन की खासीयत

- ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का नाम है AZD1222.

- 2 से 8 डिग्री तापमान पर स्टोर करके रखी जा सकती है यह वैक्सीन.

- घर के फ्रीज में इसे 6 महीने तक स्टोर किया जा सकता है. 

- तीसरे फेज के ट्रायल में 70 फीसदी तक असरदार. 

- ट्रायल के दौरान किसी पर भी गलत असर नहीं हुआ. 

- वैक्सीन की दो खुराक की कीमत 1000-1200 रुपये है. 

- भारत में इस वैक्सीन का नाम कोवीशील्ड है.