केंद्र सरकार की स्कीम 'वन नेशन वन राशन कार्ड' का फायदा अब 1 अगस्त से देशभर में 65 करोड़ लाभार्थियों को मिल सकेगा. 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम में 1 अगस्त से अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के अलावा मणिपुर. नागालैंड और उत्तराखंड भी राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी से जुड़ गए. केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 1 अगस्त, 2020 से 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम से कुल 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेश (UT) जुड़ गए हैं जिससे देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के करीब 65 करोड़ लाभार्थी इसका फायदा उठा पाएंगे.

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मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 'वन नेशन वन राशन कार्ड' डिपार्टमेंट की एक महत्वाकांक्षी योजना और कोशिश है. जिसका मकसद सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 'सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन (आईएम-पीडीएस)' के तहत नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013, के तहत कवर किए गए सभी लाभार्थियों को, चाहे वे देश में कहीं भी रह रहे हों, उनकी फूड सेप्टी एलिजिबिलिटी की डिलीवरी तय की जा सके.

1 अगस्त को शामिल हुए यह राज्य

मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम की समीक्षा की थी. इसमें जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड और उत्तराखंड की टेक्निकल तैयारी बेहतर पाई गई. इसलिए डिपार्टमेंट ने इन्हें 1 अगस्त से नेशनल पोर्टेबिलिटी कलस्टर में पहले से शामिल 20 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ जोड़ दिया है.

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'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम से जुड़े राज्य

1 एक अगस्त, 2020 से अब 'वन नेशन वन राशन कार्ड' के तहत कुल 24 राज्य/संघ शासित प्रदेश आ गए हैं. जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात. हरियाणा. हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड हैं.