Bike Taxi Service: ओला, उबर और रैपिडो की बाइक सर्विस अभी भी दिल्ली में बैन रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पॉलिसी बनाने को लेकर और समय देने का फैसला सुनाया है. बता दें कि दिल्ली में ओला, उबर या रैपिडो की बाइक टैक्सी चलें या नहीं, इस पर आखिरी फैसला लेने के लिए दिल्ली सरकार एक पॉलिसी पर काम कर रही है. इसी पॉलिसी के लिए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा था. ताजा अपडेट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अब दिल्ली सरकार को 30 सितंबर तक का समय दे दिया है. दिल्ली सरकार को 30 सितंबर तक पॉलिसी तैयार करके देनी है, जिसके बाद ये फैसला लिया जाएगा कि दिल्ली में OLA, Uber या rapido की बाइक टैक्सी चलनी है या नहीं. बता दें कि कुछ महीने पहले दिल्ली सरकार ने राज्य में बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद तीनों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

क्या है पूरा मामला ?

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बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए पॉलिसी आने तक कैब एग्रीगेटर कंपनियों को बाइक सर्विस की इजाजत दे दी थी. दिल्ली सरकार ने फरवरी 2023 में ओला-उबर और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाई थी. दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक महीने में कैब एग्रीगेटर कंपनियों को लेकर पॉलिसी लाएगी. 

क्या है उबर के वकील की दलील

उबर के वकील ने कहा कि 2019 से कई राज्यों में दो पहिया वाहनों का इस्तेमाल बाइक सर्विस के लिए किया जा रहा है. मोटर व्हीकल ऐक्ट के तहत इस पर कोई रोक नहीं है. उबर के वकील ने कहा कि केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन के अनुसार दो पहिया वाहन का इस्तेमाल कॉमर्शियल उपयोग के लिए किया जा सकता है. 

कोर्ट ने पूछा कि क्या अगर गाड़ी किसी से टकरा जाए या हादसा हो जाए तो इंश्योरेंस दिया जाता है. उबर के वकील ने कहा कि उबर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस देती है. 35000 से ज़्यादा ड्राइवर है उनकी आजीविका इस पर निर्भर है. इसके अलावा उबर के वकील ने कहा कि 4 साल तक दिल्ली सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बनाई, दिल्ली सरकार को पॉलिसी बनाने तक बाइक सर्विस की बहाली की जाए. 

उबर के वकील ने कहा था कि दिल्ली HC ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली सरकार पॉलिसी ड्राफ्ट करने की प्रक्रिया में है. इससे 35000 ड्राइवर जुड़े हैं और यह ट्रांसपोर्ट का सबसे सस्ता साधन है. फिलहाल इसको लेकर राज्य में कोई पॉलीसी नहीं है. केंद्र सरकार का नोटिफिकेशन दो पहिया वाहनों के कॉमर्शियल उपयोग की इजाज़त देता है.

दिल्ली सरकार ने लगाया बैन

दिल्ली सरकार के वकील ने ओला की दलील का विरोध किया था और दिल्ली सरकार ने कहा वह इसको लेकर पॉलिसी बना रहे है. दिल्ली सरकार ने कहा कि जब तक उनको लाइसेंस नहीं मिल जाता है वह बाइक सर्विस को जारी नहीं रख सकते. पॉलिसी बनते ही इनको तत्काल लाइसेंस दिया जाएगा. दिल्ली सरकार ने कहा कि 31 जुलाई तक पॉलीसी तैयार हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों से पूछा कि आप एग्रीगेटर का लाइसेंस तो हासिल कर सकते है लेकिन क्या नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल को चलने दे सकते है. 

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