कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के चलते पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) है. दुकान से लेकर उद्योग तक बंद पड़े हैं. स्कूल-कॉलेज तो मार्च की शुरूआत में ही बंद हो गए थे. स्कूलों से लेकर बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं के एग्जाम तक रद्द कर दिए गए. हालांकि यह टाइम स्कूलों में एडमिशन (School Admission) का है. स्कूलों की फीस है. ऐसे हालात में जहां बैंकों ने लोन की किस्तों तक को आगे के लिए टाल दिया है, वहां स्कूलों की फीस का जिक्र करना भी बेमानी हो जाता है.

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लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी हो इस हालात में भी अभिभावकों से फीस (School Fee) की डिमांड कर रहे हैं. कुछ स्कूलों ने तो एडमिशन भी शुरू कर दिए हैं. ऐसे मामले कर्नाटक (Karnataka) में सामने आए हैं.  

कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने निजी शिक्षण संस्थानों को नए सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया नहीं टालने और अगले सत्र के लिए फीस जमा करवाने पर कानून कार्रवाई की चेतावनी दी है.

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राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि पता चला है कि कुछ निजी शिक्षण संस्थान अभिभावकों से अगले सत्र की फीस अप्रैल अथवा मई के महीने में जमा करने की मांग कर रहे हैं. स्कूल समयसीमा तय कर रहे हैं.

मंत्री ने बताया कि कोविड-19 और लॉकडाउन के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने परिपत्र जारी कर कहा था कि प्रवेश प्रक्रिया और सत्र 2020-21 के लिए फीस एकत्र करने पर अगले सरकारी आदेश तक रोक रहेगी. इसमें ऐसे छात्रों से भी फीस वसूलने पर रोक थी, जोकि वर्तमान में पढाई कर रहे हैं.

राज्य सरकार ने कहा है कि कोई भी संस्थान सरकारी आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ स्कूल अथवा शिक्षण संस्थान की मान्यता रद्द करने समेत शिक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा मंत्री ने स्कूलों से कहा कि वे फीस वसूलने के लिए अभिभावकों को भेजे गए परिपत्र को वापस लें और अगले सरकारी आदेश तक इन्हें निरस्त रखें.