वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)  17  मई 2020 को आर्थिक राहत पैकेज के पांचवें चरण का ऐलान करते हुए कहा कि आज के समय में राज्य सरकारों के सामने राजस्व की कमी बड़ी चुनौती है. उन्होंने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकारों (state government) की सहायता कर रही है, जिससे वे इस मुश्किल समय में करोना कि लड़ाई को आसानी से लड़ सकें. उन्होंने हालात और राज्यों की मुश्किल को ध्यान में रखते हुए आर्थिक पैकेज के तहत राज्यों को जीडीपी (GDP) के पांच फीसद के बराबर कर्ज (Loan) उठाने की मंजूरी दी है. पहले राज्य सरकारें जीडीपी के 3 फीसदी के बराबर ही कर्ज ले सकती थीं.  

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राज्य सरकारों को दिए इतने पैसे

वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज का ऐलान करते हुए कहा कि अप्रैल महीने में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को 46038 करोड़ रुपए दिए गए हैं.  वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालात को ध्यान में रखते हुए राज्यों को करोना से लडने के लिए 4113 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं.  

स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत मिला इतना पैसा

वित्त मंत्री ने कहा कि 12390 करोड़ राजस्व घाटा ग्रांट समय पर राज्यों को दिए गए. राज्य सरकारों को स्टेट डिजास्टर रिलीज फंड (State disaster release fund) के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में 11092 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं.

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सरकार ने शुरू की ये योजना

उन्होंने इस मौके पर कहा कि सरकार ने नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी शुरू की है. इस पॉलिसी के तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा.  इसके लिए सरकार एक नई नीति लाएगी.  इसके योजना के तहत कुछ सेक्टर्स को स्ट्रेटिजक सेक्टर के रूप में घोषित किया जाएगा.  घोषित किए गए स्ट्रैटिजिक सेक्टर में कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनियां रहेंगी लेकिन निजी क्षेत्रों को भी इस सेक्टर में शामिल किया जाएगा. अन्य सेक्टर्स में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा.