सड़क पर थोड़ा सा जाम लगते ही गाड़ियों में बैठे लोग हॉर्न पर हॉर्न बजाने लगते हैं. हालांकि सड़क पर जगह-जगह नो-हॉर्न एरिया के बोर्ड लगे होन के बाद भी लोग तेजी से हॉर्न बजाते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जल्दी और तेज निकलने के चक्कर में अगर आप बिना वजह हॉर्न बजाएंगे तो और ज्यादा देरी से अपने गंतव्य को पहुंचेंगे.

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मुंबई (Mumbai) में रेड लाइट पर बजने वाले हॉर्न को लगाम लगाने के लिए मुंबई की ट्रैफिक पुलिस (Mumbai Traffic Police) ने एक अनूठा प्रयोग किया है. पुलिस ने कुछ ट्रैफिक सिग्नल पर डेसिबल मीटर लगाए हैं और इन मीटरों को रेड लाइट से जोड़ा गया है. इसमें खास बात ये है कि अगर उस सिग्नल पर तय लिमिट से ज्यादा डेसिबल की हॉन्किंग हुई तो ग्रीन लाइट होने में और ज्यादा वक्त लगेगा. माना 85 डेसिबल से ज्यादा हार्न बजा तो लाइट हरी होने में और 1.30 मिनिट का इंतज़ार बढ़ जाएगा. 85 डेसिबल से ज्यादा हार्न होने पर रेड लाइट फिर से शुरू हो जाएगी. 

मतलब ये है कि जितना ज्यादा हार्न बजाओगे उतनी ही ज्यादा देर आपको ट्रैफिक सिग्नल पर इंतज़ार करना पड़ेगा. मुंबई पुलिस ने इस प्रयोग को Honk More, Wait More नाम दिया है.

मुंबई पुलिस ने इसका एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया है. सोशल मीडिया पर यह तेजी से ट्रेंड कर रहा है. कई हजार लोग इसे देख चुके हैं और ज्यादातर लोग इस सिस्टम को सही बता रहे हैं. इसकी सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है.

 

ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) के मुताबिक, मुंबई देश की हॉन्किंग राजधानी बन गई है. इस कम करने के लिए यह प्रयोग किया गया है. 

 

मुंबई पुलिस के इस प्रयोग को बेंगलुरु पुलिस ने भी पसंद किया है. बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने मुंबई पुलिस के इस प्रयोग की प्रशंसा करते हुए लिखा है कि वे भी इसे अपने यहां लागू करेंगे.

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पहले लिया जा चुका है ट्रायल

मुंबई पुलिस इस नए प्रयोग का ट्रायल पहले भी कर चुकी है. पिछले साल नवंबर और दिसंबर के महीने में कुछ घंटों के लिए इसका ट्रायल किया गया था. पुलिस के मुताबिक, सीएसटी, मरीन ड्राइव, पेडर रोड, हिंदमाता और बांद्रा टर्नर रोड पर इन डेसिबल मीटरों को लगाया गया था.