KYC के नाम पर फ्रॉड से हो जाएं सतर्क, लिंक शेयर कर की गई 10 लाख की ठगी
KYC (नो योर कस्टमर) कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने दो सगे भाईयों समेत कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
KYC Fraud: देशभर में सैंकड़ों लोगों को KYC (नो योर कस्टमर) कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने दो सगे भाईयों समेत कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी राजस्थान की पॉश सोसायटी में बैठकर ठगी करते थे. ठगी की रकम को पश्चिम बंगाल या झारखंड हवाई जहाज से जाकर निकाल लिया जाता था. पुलिस ने आरोपियों को खाते से एक लाख रुपये, सात मोबाइल फोन, तीन चेकबुक, 11 डेबिट कार्ड और ठगी की रकम से खरीदी गई एक हुंडई वर्ना कार बरामद की है. पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.
दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों उनकी टीम को गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल से ठगी की एक शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने बताया था कि वह एक नामी दवाईयों की कंपनी में एमआर की नौकरी करता है. उसने अपनी मां के कैंसर के इलाज के लिए कुछ रुपये अपने व पत्नी के खाते में रखे हुए थे. लेकिन किसी ने केवाईसी कराने के नाम पर उससे ठगी कर ली. दरअसल पीड़ित को मोबाइल पर एक नामी वॉलेट से मैसेज आया था कि वह केवाईसी करा ले. इसके लिए एक लिंक शेयर किया गया था. इस ठगी के जरिए पीड़ित और उसकी पत्नी के अकाउंट से कुल 10 लाख रुपये निकाले गए.
मामले की पीड़ित की शिकायत के बाद नॉर्थ दिल्ली के साइबर थाने में 13 जनवरी को केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि पीड़ित को कॉल जयपुर, राजस्थान से की गई जबकि उसे ठगी गई रकम को झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से निकाला गया. पुलिस की एक टीम ने जयपुर और एक टीम ने झारखंड में दबिश दी. टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपी पिंटू और मुकेश को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. इनसे पूछताछ के बाद पता चला कि दो आरोपी कैश निकालने के लिए झारखंड गए हैं. दूसरी टीम ने पिंटू के भाई दुलार और साथी छेतलाल को झारखंड से गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों की पहचान जयपुर के रहने वाले मुकेश कुमार सिंह (19), झारखंड के रहने वाले दुलार कुमार मंडल (21), इसके भाई पिंटू (22) और साथी छेतलाल उर्फ गोडसे (24) के रूप में हुई है.
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ऐसे होती थी ठगी
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह लोग ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों के प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड खरीद लेते थे . इसके बाद उन नंबरों से पीड़ितों के मोबाइल नंबर पर नामी कंपनी के वॉलेट के नाम पर मैसेज कर KYC कराने के लिए कहा जाता था. इनके लिंक पर जानकारी शेयर करते ही पीड़ित के पास एक ऐसे नंबर से कॉल आती थी जो ट्रू-कॉलर पर वॉलेट का ही दिखता था. आरोपियों के झांसे में आकर पीड़ित अपने मोबाइल की स्क्रीन इनके साथ शेयर कर लेते थे. इसके बाद आरोपी रकम पीड़ितों के खाते से अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे.
कैश निकालने हवाई जहाज से जाते थे
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि इन लोगों ने कमिशन के आधार पर झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल समेत दूसरे राज्यों में बैंक खातों में इंतजाम किया हुआ था. यह लोग अलग-अलग राज्यों के खातों में रकम भेजकर उसे निकालने के लिए हवाई जहाज से यात्रा कर वहां पहुंचते थे.