इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में अपना फैसला सुना दिया है. आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाई है. आईसीजे ने कहा है कि पाकिस्तान जाधव पर दिए अपने फैसले पर विचार करे. आईसीजे ने कहा कि कुलभूषण पर मुकदमे की प्रक्रिया पर फिर से विचार हो. 

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आईसीजे ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया. पाकिस्तान ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया. आईसीजे ने यह भी कहा कि जाधव को राजनीतिक मदद दी जानी चाहिए.

बता दें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत जासूसी के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुना चुकी है, जिसे भारत ने बेबुनियाद बताया है. भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव का पाकिस्तानी एजेंसियों ने तीन मार्च 2016 को ईरान से अपहरण कर लिया था जहां वह अपने व्यापार के सिलसिले में गए थे.

पाकिस्तान ने हालांकि दावा किया कि जाधव को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया और जाधव को 'जासूस' बता दिया. पाकिस्तान ने भारत को इसकी सूचना जाधव को उठाने के 22 दिनों के बाद 25 मार्च 2016 को एक संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से दी थी. भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक नियमों का पालन करते हुए उसी दिन जाधव से राजनयिक संपर्क की मांग की लेकिन उसकी अनुमति नहीं दी गई.

मुंबई के पोवाई क्षेत्र के रहने वाले जाधव (49) के मामले की सुनवाई सिविल अदालत के बजाय सैन्य अदालत में की गई, और एक अस्पष्ट सुनवाई के बाद 10 अप्रैल 2017 को उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई.