COVID-19 कोरोना वैक्सीन ना मिलने के चलते कई गरीब देश परेशान हैं, जिनके पास समय पर टीका नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में US के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने गरीब देशों तक वैक्सीन पहुंचाने का अहम फैसला किया. साथ ही जबसे कोरोना वैक्सीन के लिए पेटेंट सुरक्षा में छूट देने का फैसला किया, तभी से दवा कंपनियों (Pharmaceutical companies) को ये बात हज़म नहीं हो पा रही है. 

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भारत और साउथ अफ्रीका ने गरीब देशों में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रस्ताव दिया है कि इन देशों में वैक्सीन की बहुत ज्यादा जरूरत है. इसलिए अमेरिका विश्व व्यापार संगठन (WTO) में उनका सपोर्ट कर वैक्सीन तक पहुंच बनाने में उनकी हैल्प करें. जानिए क्यों मायने रखता है पेटेंट.

कैसे काम करता है पेटेंट? (HOW DO DRUG PATENTS WORK?)

दरअसल किसी भी प्रोडक्ट पर पेटेंट लगना इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि जो भी कंपनी अपनी मेहनत से किसी प्रोडक्ट को लॉन्च करता है उसे दूसरी कंपनी कॉपी ना कर सकें. बता दें अमेरिका में दवाओं पर आमतौर पर 20 साल से पेटेंट होता है. क्योंकि दवा को मंजूरी मिलने में अक्सर एक दशक का समय लग जाता है. वो इसलिए ताकि दवाओं को ईमानदारी से बेचा जाए, वरना इससे नकली वैक्सीन के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा. 

दवा कंपनियों के लिए पेटेंट इतना जरूरी क्यों होता है? (WHY IS PATENT PRODUCTION SO IMPORTANT TO DRUGMAKERS?)

मैडिसिंस को बनाने में काफी पैसा खर्च होता है. कई लैब्स में तो सालों इंसान और जानवर की दवाईयों बनने के बाद भी नाकामयाब साबित होती हैं. वहीं उन सभी फ्लॉप दवाइंयों पर दोबारा से पैसा लगाने के लिए करीब $1 बिलियन का खर्चा लग जाता है. बिना कंपटीशन के सालों किसी भी बिक्री का ना होना सबसे ज्यादा रिस्की होता है.

कोरोना वैक्सीन के समर्थन में US क्यों इनता सकारात्मक हैविकसित (WHY IS THE US BACKING EFFORTS TO LIFT PROTECTIONS ON COVID-19 VACCINES?)

दुनिया के बाकी हिस्सों से ज्यादा से ज्यादा कोरोना वैक्सीन पाने के लिए BIDEN सरकार नाकामयाब साबित हुई है. भारत और साउथ अफ्रीका द्वारा अक्टूबर में मंगाई गई इस वैक्सीन को काफी समर्थन मिला था, जिसका अब देखा जाए भारत समेत कई देशों से गलत रिस्पॉन्स मिल रहा है.

हमने और अमेरिका के लोगों ने पहले इन चीज़ों पर प्रदर्शनों क्यों किया? (WHY HAVE THE US AND OTHERS OPPOSED LIFTING PROTECTIONS IN THE PAST?)

अमेरिका और कई अन्य देशों ने रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्रों में दुनिया का समर्थन किया हैं. ये दवाओं के लिए काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स है. वो सम्मानित रूप से इसे जिस तरह सपोर्ट करते हैं, उसके जरिए दवा कंपनियां लाखों नौकरियां बेरोजगारों को प्रदान करती हैं, जो बहुत अच्छी तरह से भुगतान करती हैं.

दवा बनाने वाली इंडस्ट्री इस पर क्यों इतना विरोध कर रही हैं (WHY IS THE INDUSTRY SO OPPOSED TO THE EFFORT?)

US की फार्माक्यूटिकल कंपनी अपनी दवाईंयों पर कितने भी रुपए चार्ज करते है. साल में वो दो बार कभी भी अपनी मर्जी से दवाईंयों के दामों को बढ़ा सकते हैं. ताकि दवाओं के दाम पेटेंट लगने पर सुरक्षित रहें.

पेटेंट सुरक्षा का व्यवहारिक पक्ष क्या हो सकता है (WHAT WOULD BE THE PRACTICAL EFFECTS OF LIFTING PROTECTIONS ON COVID-19 VACCINES?)

मिली जानकारी के अनुसार पेटेंट में छूट मिलने से वैक्सीन का प्रोडक्शन काफी आगे बढ़ेगा. इससे डिमांड और प्रोडक्शन के फासले को पूर्ण किया जा सकेगा. साथ ही गरीब देशों तक सही समय पर पर्याप्त वैक्सीन पहुंचाई जा सकेगी. कई देश चाहते हैं कि वैक्सीन को कुछ समय के लिए पेटेंट के दायरे से बाहर रखा जाए.

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