अगर आप भी ऑफिस, मार्केट या किसी काम के लिए बाहर जाने के लिए ऑनलाइन ऑटो रिक्शा बुक (Online Auto Booking) करते हैं तो आपके लिए ये खबर निराश कर सकती है. जी हां, कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने ऑनलाइन ऑटो रिक्शा बुक करने पर वसूले जाने वाले सर्विस चार्ज की लिमिट पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने बुधवार को परिवहन विभाग की नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी. इस नोटिफिकेशन में ‘ऑनलाइन’ तिपहिया (ऑटोरिक्शा) बुकिंग की सुविधा देने वाली कंपनियों की तरफ से लिए जाने वाले सर्विस टैक्स पर 5 प्रतिशत की सीमा लगाई गई थी. ये नोटिफिकेशन 25 नवंबर, 2022 को जारी की गयी थी. इसे ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग सर्विस देने वाली प्रमुख कंपनियों ओला और उबर ने चुनौती दी थी.

10 प्रतिशत सर्विस चार्ज लेने के बावजूद कंपनियों को होगा नुकसान

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इससे पहले नोटिफिकेशन में ऐसी सेवा को मान्यता नहीं देने को भी चुनौती दी गई थी. जिसमें, कर्नाटक हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद नया नोटिफिकेशन जारी किया गया. अदालत ने मामले में सभी पक्षों के विचारों पर गौर करने का निर्देश दिया. तब तक, अदालत ने कंपनियों को सेवा शुल्क के रूप में 10 प्रतिशत लेने की अनुमति दी. ऑटो रिक्शा को एक प्लेटफॉर्म पर लाने पर इन कंपनियों (ऑनलाइन एग्रीगेटर) ने कहा कि अगर वे ग्राहकों से 10 प्रतिशत सर्विस चार्ज भी लेती हैं तो उन्हें इसमें नुकसान ही होगा. इन कंपनियों ने अपनी दलील में केंद्र सरकार की तरफ से 20 प्रतिशत सर्विस चार्ज की मंजूरी का हवाला दिया.

आने-जाने के लिए करोड़ों लोग बुक करते हैं ऑनलाइन कैब, ऑटो

जस्टिस सीएम पूनाचा ने इस पूरे मामले में स्टे ऑर्डर जारी करने के बाद कहा कि वे इस तरह की ऑटो रिक्शा सर्विस के लिए ‘एग्रीगेटर’ लाइसेंस के संबंध में मुख्य याचिका के साथ संबंधित अर्जी पर भी सुनवाई करेंगे. बताते चलें कि भारत में ऑनलाइन कैब, ऑटो, बाइक राइड बुक करने की सेवाएं शुरू होने के बाद देशभर में सालाना करोड़ों लोग आने-जाने के लिए ऑनलाइन कैब, ऑटो और बाइक राइड बुक करते हैं. देश में होने वाली इन बुकिंग में सबसे बड़ी भागीदारी दक्षिण भारत की है.

भाषा इनपुट्स के साथ