झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कि दरो में बढ़ोतरी कर दी है. शहरी और ग्रामीण घरेलू वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में 11  प्रतिशत का इजाफा किया गया है. हालांकि ग्रामीण इलाक़े में सिंचाई और किसान की बिजली और सब्सिडी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

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विद्युत नियामक आयोग की महाप्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि हर वर्ष बिजली दर में बढ़ोतरी होती है. मई महीने से बिजली बिल बढ़ कर आएगा. 1 अप्रैल से नया टैरिफ़ रेट लागू कर दिया गया है. बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शहरी घरेलू उपभोक्ता को अब 5.50 रुपये की जगह 6.25 प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध होगी. 200 यूनिट से अधिक खपत पर 2.75 रुपये की सब्सिडी प्रति यूनिट मिलेगी. ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता के बिलों में भी इजाफा किया गया है. 4.40 रुपये प्रति यूनिट बिजली दर को बढ़ाकर 5.75 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है. ग्रामीण बिलों पर 4.25 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी दी जाएगी. सब्सिडी के बाद उपभोक्ता को 1.50 रुपये यूनिट के दर से बिजली दर का भुगतान करना होगा.

झारखंड चैम्बर के अध्यक्ष दीपक मारू ने बढ़ी बिजली की दरों का विरोध किया है.

राज्य में बिजली की दरों में बदलाव पर राजनीति भी होनी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने जहां राज्य सरकार के इस कदम को जनविरोधी बताया है, वहीं बीजेपी का कहना है कि सभी को बिजली मिले, इसके लिए बिजली दरों में मामूली सा इजाफा किया गया है. बीजेपी का कहना है कि अन्य राज्यों के मुकाबले झारखंड में अभी भी बिजली की दरें सबसे कम हैं.

(रांची से अभिषेक भगत की रिपोर्ट)