पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ देश के नए उप-राष्ट्रपति होंगे. उन्होंने यूपीए की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया है.शनिवार को हुए मतदान के बाद आए नतीजों में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मारग्रेट अल्वा को 346 वोटों के बड़े अंतर से हराया. धनखड़ को 528 जबकि अल्वा को महज 182 वोट हासिल हुए. पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनका सियासी घमासान खूब चर्चित रहा. पांच किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे स्कूल

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जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू में एक किसान परिवार में हुआ था. पिता का नाम गोकल चंद और मां का नाम केसरी देवी है. जगदीप अपने चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं. गांव के सरकारी स्कूल से की पढ़ाई शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी माध्यमिक विद्यालय से हुई. इसके बाद उन्होंने चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में भी पढ़ाई की.  12वीं के बाद धनखड़ का चयन आईआईटी और फिर एनडीए के लिए भी हुआ था, लेकिन वे नहीं गए. इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की. राजनीति में किया झंडा बुलंद   धनखड़ ने 1989 में जनता दल के टिकट पर झुनझुनू से लोकसभा का चुनाव लड़ा था और रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल की. जनता दल के बाद वह कांग्रेस में भी शामिल हुए. धनखड़ 1990-91 में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. वर्ष 2003 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. बाद में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया पश्चिम बंगाल में राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल खूब चर्चा में रहा और यहां उनके और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कभी नहीं बनीं. राजनीति में नहीं आना चाहते थे जगदीप

मीडिया में जगदीप के छोटे भाई रणदीप का एक बयान की चर्चा हो रही है. जिसमें उनके छोटे भाई रणदीप का कहना है कि धनखड़ कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे. रणदीप बताते हैं कि मेरी और भैया की शादी भी एक ही दिन एक फरवरी 1979 को हुई थी. वो कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे. लेकिन उनके कुछ दोस्तों ने इसकी सलाह दी. उन्हीं के कहने पर भइया ने जनता दल जॉइन कर ली. 1988-89 में जनता दल की ओर से झुंझुनूं से सांसद का चुनाव लड़ा और वे जीत गए. पहली बार सांसद बनते ही कानून राज्य मंत्री भी बना दिए गए.'

राजस्थान की सियासत में थे सरगर्म

धनखड़ राजस्थान के जाट समुदाय से आते हैं. राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में धनखड़ की अहम भूमिका थी. जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझुनूं से 1989 से 91 तक जनता दल से सांसद रहे. क्रिकेट प्रेमी होने के साथ-साथ उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर भी रहा है. जगदीप धनखड़ की शादी

जगदीप धनकड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है. उनकी पत्नी को सामाजिक कार्य और जैविक खेती, बाल शिक्षा में काफी रुचि है. वे इससे जुड़े काम करती हैं. इसके अलावा उन्हें घूमना भी काफी पसंद है. 14 साल के इकलौते बेटे की मौत ने झकझोर दिया

धनखड़ की शादी 1979 में सुदेश धनखड़ के साथ हुई. उनके दो बच्चे हुए. बेटे का नाम दीपक और बेटी का नाम कामना रखा. 1994 में जब दीपक 14 साल का था, तब उसे ब्रेन हेमरेज हो गया. इलाज के लिए दिल्ली भी लाए, लेकिन वे बच नहीं पाया. बेटे की मौत ने जगदीप को पूरी तरह से तोड़ दिया. हालांकि, किसी तरह उन्होंने खुद को संभाला. उनकी बेटी कामना की शादी कार्तिकेय वाजपेयी से हुई है.