भारत में हर साल 100 टन से ज्यादा सोना उत्पादन करने की क्षमता है, और इससे देश में इस कीमती धातु की भारी मांग को पूरा किया जा सकता है, जो मुख्यत: आयात से पूरी होती है. एक विदेशी विशेषज्ञ ने बुधवार को यह जानकारी दी. एसोचैम के 11वें अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के गैलेक्सी गोल्ड माइन्स के प्रबंध निदेशक निक स्पेंसर ने कहा कि घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी से देश के सोने की मांग पूरी हो सकती है, जो वर्तमान में एक टन सालाना है. 

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स्पेंसर ने कहा, "वर्तमान में, भारत एक से 1.5 टन सोना का सालाना उत्पादन करता है, जो केवल एक खान से ही होता है, जबकि देश में सालाना खपत 900 टन सोने की होती है." उन्होंने कहा, "भारत अपनी सोने की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 100-200 टन सालाना कर सकता है, जो करीब 20 खदानों से आएगी."

रोजगार की ढेरों संभावनाएं

निक स्पेंसर ने कहा कि इस स्तर के उत्पादन के लिए करीब एक से डेढ़ अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी, जिससे 50,000 से 1,00,000 लोगों को रोजगार मिलेगा. वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल के मुताबिक, सोने के खनन का इतिहास होने के बावजूद भारत का वर्तमान उत्पादन स्तर काफी कम है और साल 2016 में दो टन से कम सोने का उत्पादन हुआ था.

सोने के भंडार में 3.8 टन की बढ़ोतरी

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के दौरान भारत में सोने के भंडार में 3.8 टन की बढ़ोतरी देखने को मिली है. काउंसिल के मुताबिक भारत का सोने का आधिकारिक भंडार अब बढ़कर 561.9 टन हो गया है और दुनिया में सबसे ज्यादा आधिकारिक सोने का रिजर्व रखने के मामले में भारत 11वें स्थान पर है. करीब नौ साल के बाद देश के सोने के भंडार में बढ़ोतरी देखने को मिली है.