देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को बनाए रखने आम लोगों को जरूरत का सामान उपलब्ध हो सके इसके लिए केंद्रीय गृह सचिव, अजय कुमार भल्ला ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाते हुए आवश्यक वस्तु (ईसी) अधिनियम 1955 (Essential Commodities (EC) Act) के प्रावधानों को लागू किया जाए. जरूरत का सामान उपलब्ध कराने के उपायों में स्टॉक सीमा (Stock limit) को बनाए रखना, मूल्यों की अधिकतम सीमा को निर्धारित करना, उत्पादन में वृद्धि, विक्रेताओं के खातों का निरीक्षण और इसी प्रकार की अन्य गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.

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जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया

गृह सचिव (home Secretary) की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि श्रमिकों की कमी और कई अन्य कारणों के चलते आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन कम हुआ है. इस स्थिति में कुछ लोगों द्वारा, स्टॉक करने, जमाखोरी, कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और सट्टा बाजारी होने की संभावनाओं के चलते आवश्यक वस्तुओं की कीमतें (Commodity prices) बढ़ सकती हैं. ऐसे में राज्यों को कहा गया है कि आम लोगों को आवश्यकता का सामान उपलब्ध कराने के लिए उचित कदम उठाएं.

गृह मंत्रालय ने दिए निर्देश

इससे पहले, गृह मंत्रालय (एमएचए) आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपने आदेशों में खाद्य पदार्थों, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों जैसे आवश्यक सामानों के उत्पादन, परिवहन और अन्य संबंधित अन्य गतिविधियों को पूरी तरह से अनुमति दे चुका है. इसके अतिरिक्त, भारत सरकार का उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय  30 जून, 2020 तक केंद्र सरकार की पूर्व सहमति जैसी आवश्यकता में भी छूट देते हुए ईसी अधिनियम, 1955 के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश देने के लिए अधिकृत कर रहा है.

 

इस अधिनियम के तहत हो सकती है गिरफ्तारी

आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध, एक आपराधिक जुर्म हैं और इसके परिणाम स्वरूप 7 वर्ष की सज़ा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, कालाबाजारी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव निवारण अधिनियम, 1980 के तहत अपराधियों को हिरासत में लेने के निर्देश भी दे सकते हैं.