भारत में कोरोना वायरस (coronavirus) के मामलों में पिछले कुछ दिनों में गिरावट आई है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के आने का खतरा अभी भी बरकरार है. दुनिया के कई देशों में कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी ने भारत की चिंताएं भी बढ़ा दी है. ऐसे में भारत सरकार (India Government) और स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) अपनी तरफ से तीसरी लहर की तैयारियों पर जोर देना शुरू कर दिया है. 

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक नया प्रेस रिलीज जारी किया है. जिसके अंतर्गत कोविड महामारी से निपटने के लिए देश के अस्पतालों में 20,000 नए आईसीयू बेड तैयार किये जाने की बात कही गई है. इसके अलावा 20,000 नए ICU बेड में 20% बेड बच्चो के लिए ( पीडियाट्रिक बेड) आरक्षित किए जाएंगे. वहीं देश के 736 जिलों में पीडियाट्रिक यूनिट भी बनाये जाएंगे, जिनका मकसद बच्चों के स्वास्थ्य को देखना परखना होगा. 

हेल्थ इंफ्रा के तहत जोड़ी जाएंगी 8800 नई एम्बुलेंस

कोरोना काल के दौरान सही समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलने की कई घटनाएं भी सामने आती रही है. ऐसे में अब 8800 नई एम्बुलेंस भी हेल्थ इंफ्रा के तहत जोड़ी जाएंगी. देश मे 1,050 लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन स्टोरेज टैंक तैयार किये जायेंगे, जिसके जरिये हर जिले की ज़रूरत को पूरा किया जाए हेल्थ इंफ्रा सुधार की दिशा में मौजूदा CHC, PHC और HSC सेवा केंद्रों में बेड संख्या बढ़ाई जाएगी ( 6 - 20 बेड बढ़ाये जाएंगे).

ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए उठाया जाएगा यह कदम

इसके साथ ही शहरों की श्रेणी के आधार पर ( टियर 2 या टियर 3 ) बड़े फील्ड हॉस्पिटल जिनकी बेड क्षमता 50-100 तक कि होगी, ऐसे हॉस्पिटल भी तैयार किये जाएंगे. हाल में कैबिनेट ने ₹ 23,000 करोड़ का बजट अवनत किया था. ज़रूरत पड़ने पर सरकार मेडिकल क्षेत्र से जुड़े स्टूडेंट्स, मेडिकल इन्टर्नस , MBBS, BSc या GNM के फाइनल ईयर के स्टूडेंट की भी मदद स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लेगी. प्रत्येक जिले में कम से कम एक इकाई को सहयोग देने के उद्देश्य से मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (एमजीपीएस) के साथ 1050 तरल मेडिकल ऑक्सीजन भंडारण टैंकों की स्थापना की जाएगी.

सरकार ने किया था 23123 करोड़ के पैकेज का एलान

कुछ दिन पहले कोरोना महामारी से निपटने के लिए  23,123 करोड़ के पैकेज का एलान किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी जानकारी दी है. इस पैकेज का इस्तेमाल राज्य और केंद्र सरकार मिलकर करेगी. इस पैकेज में 15 हजार करोड़ रुपये की भागीदारी केंद्र सरकार की होगी, जबकि राज्य सरकार को इसके लिए 8 हजार करोड़ देने होंगे.