Haryana govt e-Adhigam scheme: हरियाणा सरकार पांच मई से राज्य में दसवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मुफ्त टैबलेट देने की योजना की शुरुआत कर दी है. हरियाणा सरकार ने गुरुवार को 'ई-अधिगम' योजना की शुरुआत की. जिसके तहत दसवीं और 12वीं कक्षा के सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को करीब तीन लाख टैबलेट बांटे गए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ये सभी टैबलेट 'पर्सनलाइज्ड और अडैप्टिव लर्निंग सॉफ्टवेयर' के साथ ''प्री-लोडेड कंटेंट'' और दो जीबी मुफ्त डेटा के साथ आते हैं. सरकार का इरादा दसवीं-12वीं कक्षा के पांच लाख विद्यार्थियों को उपकरण देने का है. हालांकि, सरकार ने कहा कि कक्षा ग्याहरवीं के विद्यार्थी दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास करने और अगले वर्ष की अर्हता प्राप्त करने के बाद इसे प्राप्त करेंगे. 

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें    

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कही यह बात

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में अनुकूल मॉड्यूल (आदिघम) योजना के साथ सरकार की अग्रिम डिजिटल हरियाणा पहल शुरू करने के बाद कहा कि अगले साल से, नौवीं से लेकर बाहरवीं तक की सभी कक्षाओं को कवर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि टैबलेट और डेटा विद्यार्थियों के लिए उपकरण हैं जो उन्हें 21वीं सदी के कौशल हासिल करने और नए अवसर तलाशने में मदद करेंगे. ई-लर्निंग के माध्यम से, हरियाणा के विद्यार्थी वैश्विक विद्यार्थी बनेंगे.

बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा में मिलेगी मदद

कोविड -19 के दौरान, खट्टर ने कहा कि कई परिवारों ने अपने बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा में पारंगत करने के लिए संघर्ष किया और यह पहल इस चिंता को दूर करने का एक प्रयास था. खट्टर ने यह भी कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र के लिए दो टास्क फोर्स बनाएगी. एक बुनियादी ढांचे, इमारतों, चारदीवारी, सौंदर्यीकरण, सफाई, सड़कों, पानी, स्वच्छता और स्कूलों की अन्य आवश्यक आवश्यकताओं पर काम करेगा जबकि दूसरा फर्नीचर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा.

नई शिक्षा नीति पर दिया जा रहा है जोर

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत हम आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) पर काफी जोर दे रहे हैं. खट्टर ने कहा कि देश ने इस नीति को 2030 तक लागू करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन हमारा लक्ष्य 2025 है. उन्होंने कहा कि हम शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रहे हैं और राज्य के लगभग 1.70 लाख करोड़ रुपये के बजट में से 20,000 करोड़ रुपये अकेले शिक्षा के लिए रखे गए हैं.