कोरोना महामारी (CoronaVirus Pandemic) को मात देने के लिए सभी की निगाहें वैक्सीन (Corona vaccine) पर टिकी हैं. दुनिया के कई देश कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. रूस ने तो वैक्सीन ईजाद भी कर ली है और भारत समेत कई देशों में कोविड-19 टीके का ट्रायल अंतिम चरण में चल रहा है. इस बीच यह भी खबर है कि तमाम सरकारों और वैज्ञानिकों की मेहनत पर हैकर्स नजर गढ़ाए बैठे हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Microsoft ने वकायदा एक वार्निंग जारी कर कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे वैज्ञानिकों को हैकर्स ने सावधान रहने के लिए अलर्ट किया है. माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी वार्निंग में कहा है कि हैकर्स वैक्सीन से जुड़ा डाटा चुराने की फिराक में हैं. और हैकर्स की नजर खासकर भारत में चल रही रिसर्च पर है.

माइक्रोसॉफ्ट की वार्निंग (Microsoft Warning Alert)

माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के कॉरपोरेट वाइस प्रेजिडेंट Tom Burt की मानें तो कंपनी ने नोटिस किया है कि हैकर्स कोरोना वैक्सीन का डाटा चुराने के लिए दिन-रात लगे हुए है. 

यह भी पढ़ें- Covaxin के तीसरे फेज का ट्रायल शुरू, 26000 वॉलंटियर को दिए जाएंगे इंजेक्शन

माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, कनाडा, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और अमेरिका में कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे शोधकर्ता, मेडिकल कंपनियां और वैज्ञानिक रूसी और नॉर्थ कोरिया के हैकर्स के निशाने पर हैं.

माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी रिपोर्ट में वैक्सीन पर काम कर रहे लोगों या कंपनियों के नाम के बारे में जानकारी नहीं दी है. 

ये हैं हैकर्स (Corona Vaccine Hackers)

रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन बनाने वालों पर नजर रखने वाले रशियन हैकर्स के ग्रुप के नाम Fancy Bear, Zinc, Strontium और Cerium हैं.  

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि हैकर्स ग्रुप Strontium डीटेल चुराने के लिए फोर्स लॉगिन का इस्तेमाल कर रहा है. Zinc ग्रुप का हैकिंग के लिए फिशिंग अटैक के तरीके अपना रहा है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में फिर Lockdown की तैयारी! सरकार उठाने जा रही है सख्त कदम

माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि ये हैकर्स, लोगों को लगातार संदिग्ध मैसेज भेज रहे हैं. इन मैसेज में जॉब ऑफर जैसे दावे किए जा रहे हैं और यूजर्स के ई-मेल या मोबाइल फोन हैक करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत की करीब सात कंपनियां कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं.

कोरोना वैक्सीन ट्रायल (corona vaccine trial)

माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि जिन देशों पर हैकर्स की नजर है वहां वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां ट्रायल के आखिरी स्टेज में हैं. Pfizer ने अपनी वैक्सीन को 90 फीसदी कामयाब बताया है तो Moderna ने 94.5 फीसदी सफल बताया है. 

माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि हालांकि कंपनियों पर अभी तक हैकर्स जितने भी हमले हुए हैं, वे फेल रहे हैं. लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने डाटा को महफूज रखने के लिए अलग से सुरक्षा चाहती हैं.

बताया जा रहा है कि ये हैकर्स वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों का आईपी एड्रेस (IP address) को चुरा कर वैक्सीन लॉन्च को लेट करना चाहते हैं.