Ganga Vilas News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो लिंक के माध्यम से वाराणसी में दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाई. इसके साथ ही यहां कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. वाराणसी से शुरू होकर बांग्लादेश से होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक के सफर में यह क्रूज 3,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा. 50 दिनों की यात्रा में लग्जरी क्रूज पर सवार यात्री देश के 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेंगे. फाइव स्टार होटल की सुविधाओं से लैस टेंट सिटी में गंगा दर्शन विला काफी आकर्षक है. इसके अलावा अन्य टेंट कॉटेज भी हैं. कार्यक्रम को लेकर तैयारी यह क्रूज पूरी तरह से भारत में निर्मित हैं. देश भर के कई राज्यों के 40 क्रू के सदस्य हैं. क्रूज की लंबाई साढ़े 62 मीटर और चौड़ाई 12.8 मीटर है. इसमें पर्यटकों के रहने के लिए कुल 18 सुइट्स हैं. साथ में एक 40 सीटर रेस्टोरेंट, स्पा रूम और तीन सनडेक हैं. साथ में म्यूजिक का भी इंतजाम किया गया है. 32 पर्यटकों सहित कुल 80 यात्रियों के ठहरने की सुविधा है. यहां खास बनारसी खानपान होगा. इसके अलावा खास थीम पर लाइटिंग और डेकोरेशन किया गया है. ऐतिहासिक घाटों, गंगा और पूरे टेंट सिटी का नजारा देखने के लिए स्टेनलेस स्टील का 32 फीट ऊंचा गंगा वाच टावर बनाया गया है. लगभग 51 दिनों का होगा सफर 50 दिनों की यात्रा में लग्जरी क्रूज पर सवार यात्री देश के 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेंगे. इनमें गंगा, भागीरथी और ब्रह्मपुत्र के साथ ही राष्ट्रीय जलमार्ग 3 या वेस्ट कोस्ट कैनाल शामिल हैं. इस दौरान यह क्रूज 50 से अधिक पर्यटन स्थलों पर रुकेगा, जिनमें विश्व धरोहर स्थल जैसे कि काशी की गंगा आरती, असम का काजीरंगा नेशनल पार्क और सुंदरवन डेल्टा जैसे महत्वपूर्ण स्थल शामिल हैं. अपने सफर में यह 1,100 किमी की यात्रा बांग्लादेश के अंदर पूरी करेगा. 80 लोग एक बार में कर सकेंगे ट्रिप गंगा विलास क्रूज शिप में 80 यात्री एक साथ ट्रिप कर सकते हैं. इसमें 18 सुइट्स और अन्य सभी संबंधित सुविधाएं हैं. यह पहला भारत निर्मित रिवरशिप है. क्रूज में मौजूद हैं हाई-टेक सुविधाएं यह क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सहित राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से भी गुजरेगा. क्रूज के अनुभव को सुखद बनाने के लिए दिनभर संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का इंतजाम है. क्रूज पर सभी हाई-टेक सर्विस जैसे जिम,स्पा, एक ओपन स्पेस बालकनी, बटलर सर्विस आदि होंगी. भारत से लेकर बांग्लादेश में घूमने का मौका इस बेहतरीन क्रूज यात्रा में भारत के कई शहरों को एक्सप्लोर करने के साथ-साथ बांग्लादेश को भी एक्सप्लोर करने का मौका मिलेगा. इस सफर में विश्व विरासत स्थलों, नेशनल पार्क, नदी, घाट, उत्तर प्रदेश में वाराणसी, बिहार में पटना, झारखंड से साहिबगंज, ओडिशा में  भुवनेश्वर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, असम में गुवाहाटी बांग्लादेश में ढाका  जैसे हजारों स्थलों पर घूमने और एक्सप्लोर करने का मौका मिलेगा. ऐसा रहेगा क्रूज का 50 दिन का टाइम टेबल पहले जारी टाइम टेबल (Ganga Vilas Cruise Timetable) के हिसाब से 13 जनवरी को वाराणसी से रवाना होने के बाद 8 वें दिन यह क्रूज पटना (Patna) पहुंचेगा. इस दौरान क्रूज बक्सर (Buxar), रामनगर (Ramnagar) और गाजीपुर (Ghazipur) से गुजरेगा. पटना के बाद यह 20वें दिन फरक्का (Farakka) और मुर्शिदाबाद (Murshidabad) होते हुए पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजधानी कोलकाता (Kolkata) पहुंचेगा. यहां से अगले दिन क्रूज बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) के लिए रवाना होगा. अगले 15 दिन तक यह बांग्लादेश सीमा (Bangladesh Border) में ही रहेगा. वहां से गुवाहाटी (Guwahati) के रास्ते यह दोबारा भारतीय सीमा में लौटेगा और फिर शिवसागर (Sivasagar) होते हुए 50वें दिन अपने फाइनल डेस्टिनेशन यानी डिब्रूगढ़ पर जाकर सफर खत्म करेगा. देखने को मिलेंगे राह ये मशहूर स्थल इस सफर के दौरान गंगा विलास क्रूज अपने यात्रियों को दुनिया के सबसे पुराने शहर काशी यानी ओल्ड वाराणसी के मशहूर स्थल दिखाएगा. इसके बाद भी वह बंद पड़ी बौद्ध मोनेस्ट्री विक्रमशिला (Buddhist monastery Vikramshila), बांग्लादेश में घोस्ट सिटी के नाम से मशहूर सोनारगांव (ghost city of Sonargaon) और 1400 के दशक की साठ गुंबद वाली अलंकृत मस्जिद (ornate 1400s-era Sixty Dome Mosque) जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अहमियत वाले स्थान भी इसके सफर में टूरिस्ट्स का आकर्षण रहेंगे. टिकट बुक करने और किराया के बारे में ये क्रूज भारत में बना है. इसको कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि जिससे गंगा और पर्यावरण को कोई नुकसान न हो. इस क्रूज से सफर करने के लिए पर्यटकों को 25 से 50 हजार रुपये प्रति दिन का किराया देना होगा.