Nirmala Sitharaman reply on white paper: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जनजीवन पर उसके प्रभाव पर श्वेतपत्र लोकसभा में पेश किया था. इस श्वेत पत्र में सरकार ने 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की स्थिति का लेखा जोखा पेश किया है. इसके अलावा व्हाइट पेपर में बताया है कि साल 2014 में मोदी सरकार आने के बाद किस तरह से अर्थव्यवस्था को संभाला गया.  शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण ने इस बिल को सदन में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया. सदन में नियम 342 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई.

Nirmala Sitharaman reply on white paper: 2008 के मुकाबले COVID 19 में थे ज्यादा बुरे हालत

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सदन में व्हाइट पेपर पर बहस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब शासन संभाला तब अर्थव्यवस्था संकट में थी. 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी से ज्यादा बुरे हालात कोविड-19 महामारी के समय थे, लेकिन सरकार की नीति और नीयत साफ थी तो अच्छे परिणाम मिले. यह श्वेतपत्र स्पष्ट रूप से बताता है कि अगर सच्ची गंभीरता, पारदर्शिता से और ‘राष्ट्र को प्रथम’ रखकर सरकार काम करती है तो परिणाम कितने सकारात्मक होते हैं. और यदि आप देश को प्रथम नहीं रखते, पहले परिवार को सामने रखते हैं, पारदर्शिता के बजाय कुछ और प्राथमिकताएं रखते हैं तो परिणाम कैसे होते हैं.'

Nirmala Sitharaman reply on white paper: कोयला घोटाले से नौकरियों को नुकसान, लघु उद्योग पूरी तरह ठप

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में यूपीए सरकार के घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, "आपने (यूपीए सरकार) कोयले को राख में बदल दिया. कोयला खनन घोटाले से देश का बहुत नुकसान हुआ, जिसके कारण नौकरियों में नुकसान हुआ, निवेश नहीं आया और सहायक लघु उद्योग पूरी तरह ठप पड़े और बिजली उत्पादन के लिए कोयला आयात करना पड़ा. हमने अपनी नीतियों के माध्यम से कोयले को हीरे में बदल दिया. कोयला खनन विशेष प्रावधान कानून बनाया और जिला खनन कोष स्थापित किया. इस क्षेत्र में शत-प्रतिशत एफडीआई आना शुरू किया. अब कोयला खदान नीलामी से आवंटित की जाती हैं, पिछले दरवाजे से नहीं.'

Nirmala Sitharaman reply on white paper: राष्ट्रमंडल खेल घोटाले से दुनिया भर में भारत की बदनामी, जी20 से बढ़ा देश का सम्मान

वित्त मंत्री ने राष्ट्रमंडल खेल घोटालों का जिक्र करते हुए कहा,‘राष्ट्रमंडल खेल घोटाले’ में जहां पूरी दुनिया में भारत की बदनामी हुई, वहीं जी-20 में समस्त राज्यों में आयोजनों के साथ विदेश में देश का सम्मान बढ़ा.' बकौल वित्त मंत्री, 'वैश्विक वित्तीय संकट को संभाल नहीं सके और आज इसे कैसे संभालें इस पर भाषण दे रहे हैं. देश के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया लेकिन घोटालों पर घोटाले जारी रहे. ऐसे में उन्होंने देश छोड़ दिया."