वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने शनिवार को विश्व बैंक (World Bank) और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के प्रमुखों के साथ गोलमेज बैठक की और कुछ देशों के समक्ष मौजूद डेट  रिस्ट्रक्चरिंग की समस्या पर चर्चा की. वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड माल्पस (David Malpass) और आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) क्रिस्टलिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) के साथ सीतारमण की गोलमेज बैठक यहां पर G-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की पहली बैठक से इतर आयोजित की गई. इस बैठक में डेट रिस्ट्रक्चरिंग की चुनौतियों और डेट रिस्क के मुद्दों पर चर्चा की गई.

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वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में इस गोलमेज बैठक का जिक्र करते हुए कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान के विविध कर्ज परिदृश्य को स्वीकार करने और चुनौतियों व उनसे निपटने के तरीकों की एक आम समझ बनाने की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने जी-20 समूह के माध्यम से कमजोर और कम प्रतिनिधित्व वाले कर्जदार देशों की आवाज सुनने का आह्वान किया.

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डेट रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया को तेज करने का किया आह्वान

वित्त मंत्रालय ने एक और ट्वीट में कहा, आईएमएफ की एमडी जॉर्जीवा और विश्व बैंक के अध्यक्ष माल्पस ने डेट रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया को तेज करने का आह्वान किया और कहा कि यह प्लेटफॉर्म एक साथ काम करने और कमजोर देशों की मदद करने का अवसर है.

कोरोना महामारी के बाद कई देश भारी कर्ज के बोझ से दब गए थे. इन्हें राहत देने के लिए डेट रिस्ट्रक्चरिंग की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाए गए हैं. कुछ सबसे खराब कर्जदार देशों- जाम्बिया, चाड और इथियोपिया के लिए लेनदार समितियां गठित की जा चुकी हैं.

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(भाषा इनपुट के साथ)