devanand telgote upsc latest news: एक सच्चा दोस्त मिलना आजकल के समय में काफी मुश्किल लगता है. बदलते वक्त के साथ-साथ रिश्तों में भी कई बार दूरी आ जाती है. लेकिन दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे कुछ लोग तमाम उम्र सहज के रखने में कामयाब हो पाते हैं. हाल ही में कुछ दोस्तों ने मिलकर अपने बीमार दोस्त के लिए कुछ ऐसा क्या कि हर जगह उनकी तारीफ हो रही है. सिविल सर्विस एस्पिरेंट (Civil Service Aspirant) देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) की जिंदगी दोस्तों के प्रयास के कारण बच पाई है. 

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दरअसल, न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक चार माह अस्पताल में रहने के बाद देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) 22 सितंबर को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के इंटरव्यू में बैठेंगे. कोरोना संक्रमित होने के बाद महाराष्ट्र के रहने वाले देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) के फेफड़ों का 80 प्रतिशत हिस्सा खराब हो गया था और उन्हें करीब चार महीनों तक एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) पर रहना पड़ा. देवानंद तेलगोटे के दोस्तों ने इस लड़ाई में उनका जी जान से साथ दिया. दोस्तों ने तेलगोटे के इलाज के लिए 1 करोड़ से ज्यादा का फंड जुटाया.  

महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं देवानंद तेलगोटे

पिछले साल यूपीएससी मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam) पास करने वाले देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) को अगस्त में इंटरव्यू देना था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इलाज के लिए केआईएमएस अस्पताल में इलाज कराने के कारण वह इंटरव्यू नहीं दे सके. अब उन्हें बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. परिवार के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले तेलगोटे (26) उन 500 उम्मीदवारों में से एक हैं जिनका UPSC तैयारी के दौरान भागवत मार्गदर्शन कर रहे थे. 

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इलाज के लिए दोस्तों ने जुटाए एक करोड़ रुपये

वह अप्रैल में दिल्ली में रहते हुए Covid-19 से संक्रमित हुए. उन्होंने कई डॉक्टरों से और अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन कोई राहत नहीं मिली. भागवत की सलाह पर उन्हें यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया. भागवत ने बताया, ‘उन्हें 15 मई को महाराष्ट्र से एयर एम्बुलेंस के जरिए केआईएमएस अस्पताल लाया गया और ईसीएमओ पर रखा गया क्योंकि उनकी हालत बेहद खराब थी. तेलगोटे के दोस्तों और रिश्तेदारों ने उनके इलाज के खर्च के लिए लोगों से एक करोड़ रुपये जुटाए. 

इंटरव्यू देने के लिए तैयार हैं देवानंद 

वह अब पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और इंटरव्यू देने के लिए तैयार हैं.’ अस्पताल सूत्रों ने बताया कि परिवार ने उन्हें हैदराबाद स्थित अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया था क्योंकि उनके फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ा था. अस्पताल ने कहा, 'उनके फेफड़ों का 80 प्रतिशत हिस्सा खराब हो गया था. फेफड़े ट्रांसप्लाट करने का प्लान था लेकिन डॉक्टर संदीप अटवार और उनकी टीम ने करीब चार महीनों तक ईसीएमओ सपोर्ट पर उनका इलाज किया.'