Delhi Earthquake News Today: भूकंप से दिल्ली-एनसीआर का इलाका एक बार फिर दहल उठा. झटके इतनी तेज थे कि लोगों में दहशत साफ नजर आई. रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 आंकी गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के मुताबिक, करीब 11:32 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप को करीब डेढ़ मिनट तक महसूस किया गया. ऐसे में आपके लिए समझना जरूरी है कि कितनी तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है. कब आपको खतरा हो सकता है. भारत में कितने रिक्टर स्केल का भूकंप तबाही मचा सकता है. आइये समझते हैं...

समझिए क्‍यों आते हैं भूकंप?

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दरअसल, हमारी पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की तरफ निकलने का रास्‍ता खोजती है. इसी डिस्‍टर्बेंस की वजह से भूकंप आते हैं.

ऐसे तय होती है भूकंप की तीव्रता?

भूंकप को मापने के लिए रिक्टर स्केल की थ्योरी इस्तेमाल की जाती है. भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने के लिए रिक्‍टर स्‍केल एक गणितीय पैमाना है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप के केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.

कितनी तीव्रता से होता है खतरा?

हर भूकंप की तीव्रता को अलग कैटेगरी में रखा जाता है. 2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप माइनर कैटेगरी में होते हैं. 5.5 से 6 तीव्रता वाले भूकंप को हल्का खतरनाक भूकंप माना जाता है. इसमें मामूली नुकसान होने की संभावना जताई जाती है. अगर 6 से 7 तीव्रता का भूकंप आता है तो ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र में डैमेज हो सकता है. वहीं, 7 से 7.09 के भूकंप को खतरनाक माना जाता है, जिसमें बिल्डिंग्स में दरार या उनके गिरने की आशंका रहती है. इससे ऊपर की तीव्रता वाले सभी भूकंप को बेहद खतरनाक कैटेगरी में रखा जाता है. 

सिस्मिक जोन में बंटा है भारत

सिस्मिक जोन- इसका सीधा मतलब उच्‍च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र से है. मतलब वो जगह जहां भूकंप आने की संभावना ज्‍यादा होती है. भारत को 2 से लेकर 5 तक के जोन में बांटा गया है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक सिस्मिक जोन 5 है, जहां 8 से 9 तीव्रता वाले भूकंप के आने की आशंका रहती है. भारत का करीब 11 फीसदी हिस्‍सा 5वें जोन में आता है. 18  फीसदी चौथे और 30 फीसदी तीसरे जोन में आता है. बाकी बचे हिस्से पहले और दूसरे जोन में आते हैं.