AIIMS Nurses Union: दिल्‍ली (Delhi) के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में तैनात नर्स हॉस्पिटल प्रशासन से नाराज हैं. यहां तैनात करीब 5000 नर्सों में एम्स प्रशासन के खिलाफ इस कदर नाराज़गी है कि उन्होंने हड़ताल तक पर जाने का फैसला कर लिया है. 

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यहां तैनात नर्सों ने कल रविवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. नर्स यूनियन (AIIMS Nursing Union) का कहना है कि उनकी कई मांगें हैं, जिन्हें सरकार और एम्स प्रशासन नहीं मान रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. 

नर्सों के हड़ताल पर चले जाने से हॉस्पिटल के कामकाज पर असर पड़ा है. यहां भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. 

क्या है नाराज़गी की वजह

एम्स नर्स यूनियन (AIIMS Nurses Union) के अध्यक्ष हरीश कुमार काजला का कहना है कि यूनियन, एम्स प्रशासन (AIIMS administration) से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों की स्थिति को देखते हुए उन्हें भी हड़ताल (strike) पर जाना अच्छा नहीं लग रहा है, लेकिन वे मजबूर हैं. 

 

उन्होंने कहा कि एक महीना पहले ही यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल के बारे में लिखित सूचना दी थी, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान ही दिया. 

काजला ने बताया कि यूनियन ने 16 दिसंबर से हड़ताल (Nurse strike) पर जाने की बात कही थी लेकिन प्रशासन का रवैया देखकर 14 तारीख से ही हड़ताल पर जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. 

5 हजार नर्स हड़ताल पर (AIIMS Nurses on strike)

नर्स यूनियन के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ने लगी है. एम्स (AIIMS) में करीब 5,000 नर्सिंग स्टाफ तैनात है. इनमें महिला और पुरुष नर्स दोनों शामिल हैं. अन्य मांगों के साथ छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) की सिफारिशें लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना शामिल है.

हड़ताल पर न जाने की अपील

उधर, एम्स प्रशासन ने नर्सों को हड़ताल खत्म करके काम पर वापस लौटने की अपील की है. एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने नर्सों की अचानक शुरू हुई हड़ताल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. 

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि महामारी के इस दौर में सच्चे नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जैसे फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने कहा था कि सच्चे नर्स कभी अपने मरीजों को नहीं छोड़ते, वैसे ही एम्स के सच्चे नर्स अपने मरीजों को नहीं छोड़ेंगे. 

अधिकतर मांगे मानी जा चुकी हैं

डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने कहा कि नर्सों की 23 मांगें हैं. इनमें से ज्यादातर मांग सरकार और एम्स (AIIMS) प्रशासन ने मान ली हैं. फिर भी नर्सिंग यूनियन हड़ताल पर चली गई, इससे मरीजों को देखभाल में दिक्कत हो सकती है. 

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