COVID Vaccine: देश इस समय कोरोना महामारी (COVID19 Pandemic) की दूसरी लहर से जूझ रहा है. हालांकि, बीते एक हफ्ते में संक्रमण के नए मामलों में कमी आने के साथ-साथ रिकवरी रेट में इजाफा हुआ है. बाजवूद इसके कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन (COVID19 Vaccine) है. सरकार इस बात को अच्‍छी तरह जानती है और सभी लोगों को वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराने को लेकर ताबड़तोड़ अहम फैसले कर रही है. सरकार ने कहा है कि देश में अगले कुछ महीने के भीतर ही 4 और कोरोना वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो जाएंगी. दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि दिसंबर 2021 तक सभी नागरिकों को टीकाकरण हो जाएगा. 

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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बताया कि देश में वैक्सीन का उत्पादन लगातार बढ़ाया जा रहा है. आगे 4 और वैक्सीन आने वाली हैं. इनमें बायो- ई की वैक्सीन, जायडस की डीएनए पर आधारित वैक्सीन, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन और जिनेवा की वैक्सीन उपलब्ध होंगी. उन्होंने बताया कि 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का प्रोडक्‍शन हो चुका होगा. 

सभी वैक्‍सीन होंगी मेड इन इंडिया 

डॉ. पाल ने बताया कि सरकार कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत जायडस कैडिला, बायो ई और जिनेवा की कोरोना वैक्सीन के देश में मैन्‍युफैक्‍चरिंग के लिए फंडिंग कर रही है. इसके अलावा नेशनल लैब्स से उन्हें टेक्निकल सपोर्ट भी दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली सिंगल डोज वैक्सीन के लिए भी केंद्र सरकार फंडिंग कर रही है और यह दुनिया के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है. ये सभी वैक्सीन ‘मेड इन इंडिया’ होंगी. 

डॉ. पॉल ने ‘भारत की टीकाकरण अभियान पर मिथक और तथ्य’ विषय पर बात रखते हुए कहा कि वैक्सीन के लिए फाइजर और मॉडर्ना के साथ बातचीत चल रही है. दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान वैक्‍सीन की 5 करोड़ खुराक देने की पेशकश की है. हालांकि, उसने कुछ रियायतें मांगी है और उसकी भारत सरकार के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हो चुकी है. एक बैठक इसी सप्ताह हुई है. जल्द ही सरकार इस पर अपना रुख साफ करेगी. 

स्पूतनिक-V: 6 और कंपनियों करेंगी प्रोडक्‍शन 

डॉ. पॉल ने बताया कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V का भी देश में जल्द प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।. स्पुतनिक-V का प्रोडक्‍शन जल्द ही भारत में शुरू होगा, क्योंकि देश ने भारतीय कंपनियों के लिए टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर के काम को पूरा कर लिया है. नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि सरकार रूस के साथ बातचीत कर रही है ताकि डॉक्टर रेड्डीज लैब के साथ तालमेल करके 6 अन्य कंपनियां स्पूतनिक वैक्सीन का प्रोडक्‍शन भारत में करें. इससे न सिर्फ उत्पादन में तेजी आएगी बल्कि वैक्सीन की कीमत भी ज्यादा नहीं होगी. 

नीति आयोग के सदस्य डॉ. पॉल ने बताया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन प्रोडक्‍शन क्षमता बढ़ाई जा रही है.  जल्द ही 3 अन्य कंपनियां भी को-वैक्सीन का निर्माण करेंगी. इसके अलावा बायोटेक के अपने प्लांट्स की क्षमताएं भी बढ़ाई जा रही हैं. इस तरह 4 कंपनियों में को-वैक्सीन का उत्पादन होगा. इससे उम्मीद है उत्पादन क्षमता अक्टूबर तक 10 करोड़ डोज प्रति महीने हो जाएगी.  इसके अलावा 3 पब्लिक सेक्टर यूनिट्स मिलकर दिसंबर तक 4 करोड़ डोज के उत्पादन करेंगी. 

दिसंबर तक 200 करोड़ डोज का उत्पादन

वैक्सीन प्रोडक्शन को लगातार बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिशों का जिक्र करते हुए डॉक्टर पॉल ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भी अपनी क्षमता को 6.5 करोड़ डोज प्रति महीने से बढ़ाकर 11 करोड़ डोज प्रति महीने तक बढ़ाने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिशों की बदौलत 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज के उत्पादन का अनुमान है. 

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