Covid-19 Vaccine: भारत में कोरोना वैक्सीन के बाजार में आने को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. रूस और ब्रिटेन के बाद अब भारत में भी कोरोना को मात देने के लिए जल्द ही टीकाकरण शुरू करने की तैयारियां जोर-शोर से हैं. अब केवल वैज्ञानिकों के इशारे का इंतजार है. 

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हमारे यहां 5 कंपनियों की वैक्सीन का ट्रायल फाइनल स्टेज में है और इनमें से कई ने तो टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति भी मांगी है. सरकार की कोशिशों से साफ है कि कोविड-19 वैक्सीन को लेकर देशवासियों का इंतजार बस खत्म होने वाला ही है.

वैक्सीन में भारत को मिलेगी बादशाहत (India Covid Vaccine)

खास बात ये है कि भारत में वैक्सीन का इंतजार केवल देशवासियों को ही नहीं है, बल्कि दुनिया के कई देश इस मामले में भारत के भरोसे हैं. अगर कहें कि वैक्सीन के मामले में भारत को बादशाहत मिलने वाली है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि दुनिया के 64 देशों के राजदूत (64 foreign envoys) वैक्सीन को लेकर भारत के दौरे पर हैं.

कोरोना वैक्सीन के बाद टल जाएगा महामारी का खतरा? 

इस टीम में 64 देशों के राजदूत और विदेशी मिशनों प्रमुख (64 Envoys) शामिल हैं. टीम ने सबसे पहले भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का दौरा किया. भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर कृष्णा एला (Dr Krishna Ella) ने इस टीम को कोरोना वैक्सीन के निर्माण और उसकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी. 

भारत बायोटेक देश में कोवैक्सीन (COVAXIN) के नाम से कोविड का टीका तैयार कर रही है. यह टीका भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) मिलकर तैयार कर रहे हैं.

इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी 

भारत बायोटेक ने कोविड-19 रोधी टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए केंद्रीय औषधि नियामक में आवेदन किया है. इससे पहले फाइजर (Pfizer) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) भी अपने-अपने टीके के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अप्लाई कर चुके हैं. 

क्यों बढ़ी भारत की अहमियत (Corona Vaccine in India)

दवा निर्माण और वितरण के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है. जिन दिनों कोरोना महामारी दुनियाभर में तेजी से पैर पसार रही थी, उस समय भी भारत ने अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवा की सप्लाई की थी. हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वलीन की दवा मलेरिया के उपचार में इस्तेमाल होती है. इस यहां कुनेन की गोली भी कहते हैं. 

अब जब कोरोना के असल टीके की खोज हो गई है तो एक बार दुनिया की निगाहें भारत पर टिक गई हैं. 

दरअसल, दुनिया के कई देश कोरोना की सस्ती और ज्यादा असरदार दवा की तलाश में हैं. और भारत में अभी तक जो भी कोविड वैक्सीन तैयार हो रही हैं, वे दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा सस्ती है. इसलिए सस्ती और असरदार दवा की खोज इन देशों को भारत तक ले आई है. 

खुद प्रधानमंत्री रख रहे हैं नजर (PM Narendra Modi)

कोरोना वैक्सीन की तैयारियों और इसके वितरण पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर रखे हुए हैं. पिछले महीने 28 नवंबर को उन्होंने कोरोना वायरस के टीके की तैयारियों ( coronavirus vaccine development) की समीक्षा के लिए अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे का दौरा किया था. उन्होंने अहमदाबाद में जायडस बायोटेक पार्क, हैदराबाद में भारत बायोटेक और पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने टीका तैयार कर रहे वैज्ञानिकों से भी बात की थी.

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