Service Charge Ban: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कुछ दिन पहले ही सर्विस चार्ज (Service Charge) को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी. जिसके मुताबिक होटल ओर रेस्टोरेंट्स (hotel and restaurants) से खाने के बिल पर अलग से सर्विस चार्ज (Service Charge) लेने से रोक लगाने की बात कही गई थी. लेकिन इसके बावजूद भी लगता है कि कुछ होटल ओर रेस्टोरेंट्स इसे सीरियसली नहीं ले रहे हैं. 

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CCPA के इस आदेश को लेकर हंगामा भी जारी है. रेस्टोरेंट कारोबारियों की राष्ट्रीय संस्था नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और द फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (FHRAI) के बड़े अधिकारी CCPA के इस फैसले से खुश नहीं है और वह लगातार इस पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. 

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लगातार ग्राहकों की ओर से आ रही है शिकायतें

बता दें कि पिछले चार दिनों में सर्विस चार्ज को लेकर National Consumer Helpline पर शिकायत तेजी से बढ़ी है. शिकायतों में सबसे ज्यादा मामले दिल्ली से आए हैं, चार जुलाई को गाइडलाइन जारी होने के बाद अब तक कुल 85 शिकायतें आ चुकी है. सर्विस चार्ज शिकायत में दिल्ली (18) के बाद बंगलुरू (15), मुंबई(11), पुणे (4) और गाजियाबाद (3) का नंबर है.

सीसीपीए ने चार जुलाई को नए दिशानिर्देश जारी कर होटलों और रेस्टोरेंट पर खाने के बिल में सेवा शुल्क जोड़ने की रोक लगा दी थी. सीसीपीए ने कहा था कि होटल और रेस्टोरेंट खाने के बिल में स्वत: सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकते. सेवा शुल्क देना स्वैच्छिक होगा और ग्राहक की मर्जी पर निर्भर करेगा. इसके अलावा सीपीपीए ने कहा था कि ग्राहक इस तरह के किसी भी उल्लंघन की शिकायत दर्ज करा सकेंगे. 

सर्विस चार्ज वसूली पर सरकार सख्त

सरकार ने इस मामले पर सख्ती के साथ कहा कि होटल ओर रेस्टोरेंट्स इसे सिर्फ सलाह न समझे. यह अनिवार्य है जो हर किसी को फॉलो करना होगा. सीसीपीए द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों और उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा पिछले दिशानिर्देशों के बीच थोड़ा सा अंतर है. सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 18 (2) (एल) के तहत दिशानिर्देश जारी किया है. इस मामले पर सरकार की ओर से कहा गया कि सीसीपीए के दिशानिर्देशों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी.