Chardham Yatra: उत्तराखंड सरकार कोविड-19 का प्रकोप कम होने और कोरोना कर्फ्यू के खत्म होने के बाद चारधाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके (phase wise) से खोलने पर विचार कर रही है. कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण पर्यटन उद्योग को हो रही समस्याओं पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात करने के बाद पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को कहा कि हालांकि इस बारे में अभी अंतिम रूप से फैसला नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले हफ्तों में महामारी का प्रकोप अगर कम होता है तो चारधाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से खोलने के बारे में योजना बनाई जा रही है. 

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चारधाम यात्रा शुरू करने पर विचार (Thoughts on starting Chardham Yatra)

उन्होंने बताया कि पहले चरण में, चारधाम यात्रा को स्थानीय लोगों के लिए खोला जाएगा जिसका मतलब है कि चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के जिलों के निवासी इन धामों में जा सकेंगे. बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम इन्हीं जिलों में स्थित है.

महाराज ने कहा कि अगर पहले चरण में सब कुछ ठीक रहता है तो दूसरे फेज में प्रदेश के अन्य जिलों के लोगों को तीर्थयात्रा की अनुमति दी जाएगी जबकि राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को कुछ प्रतिबंधों के साथ तीसरे चरण में आने की इजाजत दी जाएगी. हालांकि मंत्री ने कहा कि,‘‘सब कुछ कोविड-19 की स्थिति पर निर्भर करेगा. चारधाम यात्रा को चरणबद्ध तरीके से खोलना तभी संभव होगा जब कोरोना वायरस से संक्रमण की दर और मृत्यु दर में गिरावट जारी रहेगी और प्रदेश में जारी कोरोना कर्फ्यू खत्म हो जाएगा.’’ 

आठ जून को खत्म हो रहा है कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew is ending on June 8)

उत्तराखंड में इस समय लागू कोरोना कर्फ्यू आठ जून की सुबह छह बजे खत्म हो रहा है लेकिन इसे चरणबद्ध ढंग से हटाए जाने की संभावना के मद्देनजर अभी कुछ प्रतिबंध जारी रह सकते हैं. चारों हिमालयी धाम अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मई में ही नियमित पूजा अर्चना के लिए खुल चुके हैं लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के चलते तीर्थयात्रियों को इनमें शामिल होने के लिए आने की अनुमति नहीं दी गयी है. महामारी के कारण चारधाम यात्रा पिछले साल भी कई माह देर से शुरू हुई थी और शुरू होने के बाद भी 72 घंटे पहले की कोविड जांच रिपोर्ट लाने जैसे कई प्रतिबंधों के चलते तीर्थयात्रियों की संख्या साढ़े तीन लाख से कुछ ही ज्यादा रही थी.

पर्यटन उद्योग के लिए राहत पैकेज की मांग (Demand of relief package for tourism industry)

सतपाल महाराज ने बताया कि उन्होंने पर्यटन उद्योग के लिए एक राहत पैकेज की मांग भी की है जहां कोरोना वायरस की महामारी के कारण लोग आजीविका का संकट झेल रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण पर्यटकों की बेहद संख्या के चलते होटल मालिकों, ढाबा चलाने वालों और वाहन ऑपरेटरों को जबरदस्त झटका लगा है. 

फरवरी-मार्च में महामारी में कुछ कमी आने के बाद पटरी पर लौटने की कोशिश कर रहे मसूरी और नैनीताल के होटलों को हाल में आई महामारी की दूसरी लहर के चलते अपनी लगभग सारी बुकिंग रद्द करनी पड़ी. पर्यटकों के न आने और अपनी क्षमता से आधी सवारियां बैठाने के कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण वाहन संचालकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री रावत ने राहत पैकेज की मांग पर सकारात्मक रूख दिखाया है और इस संबंध में एक डिटेल रिपोर्ट देने को कहा है.

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