चांद पर रात हुई तो उम्मीद भी अंधेरे में खो गई. लेकिन उम्मीद की किरण फिर वापस लौटी और एक बार फिर चांद से खुशखबरी आई है. चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम अब भी जिंदा है. भारत के पहले मून मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर की लोकेशन का पता लग गया है. मिशन पूरा होने से ठीक पहले ISRO का विक्रम से संपर्क टूट गया था. उसके बाद से तमाम कोशिशें की गई, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी. अब एक बार फिर उम्मीद जागी है.

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दरअसल, ISRO चेयरमैन के सिवान के मुताबिक, विक्रम लैंडर की लोकेशन का पता चला है. लेकिन, उसकी सटीक लोकेशन का पता लगाने की कोशिश है. फिलहाल, इतना पता है कि विक्रम अब भी चांद की सतह पर है. 

ऑर्बिटर ने खींची तस्वीरें

रविवार को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने ही विक्रम की तस्वीरें ली हैं, इससे विक्रम की लोकेशन का पता चला है. सिवान के मुताबिक, ISRO एक बार फिर विक्रम से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है. उधर, NASA भी लगातार कोशिश कर रहा है.

LRO की मदद से चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम की और साफ तस्वीरें लेने की कोशिश की गई है. यह दूसरी बार है जब नासा का LRO विक्रम लैंडर के ऊपर से गुजरा. 17 सितंबर को भी नासा का LRO विक्रम लैंडर की तस्वीरें लेने में कामयाब रहा था. लेकिन, उस वक्त चांद पर हल्का अंधेरा था. इस बार की तस्वीरों में पिछली बार की तुलना में ज्यादा लाइट है. 

सटीक लोकेशन पता लगाने की कोशिश

हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA के मुताबिक, वैज्ञानिक फिलहाल, LRO की तस्वीरों का अध्ययन कर रहे हैं. तस्वीरों की मदद से ही विक्रम लैंडर की सही पोजिशन का पता लगाने की कोशिश हो रहा है. अगर विक्रम की सटीक लोकेशन का पता लग जाता है तो यह वैज्ञानिकों के लिए बड़ी कामयाबी होगी. इसके बाद यह भी पता लग सकेगा कि संपर्क टूटने से पहले विक्रम के साथ आखिर हुआ क्या था.

बता दें, 7 सितंबर को चंद्रयान 2 का लैंडर विक्रम चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में नाकाम रहा था. इसके बाद से ही उसका ISRO से संपर्क टूट गया था. जब संपर्क टूटा विक्रम चांद से सिर्फ 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था.  

क्यों टूटा था विक्रम से संपर्क?

विक्रम की हार्ड लैंडिंग के बावजूद ISRO को उम्मीद थी कि अगले 14 दिनों में वो विक्रम से संपर्क कर सकते हैं. हालांकि, चांद पर रात होने के बाद सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं. लेकिन, फिलहाल चांद पर रोशनी है और विक्रम की लोकेशन का पता लगाने की कोशिश जारी है. वहीं, नेशनल कमिटी ऑफ एकाडमियंस और ISRO एक्सपर्ट इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि आखिर विक्रम से संपर्क टूटने का कारण क्या था.