केंद्र ने शुक्रवार को उत्तराखंड में एकीकृत सहकारी परियोजना विकास के लिये राज्य सरकार के 3,340 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी.एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सहकारी मंत्री धन सिंह रावत ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री ने परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राज्य में बढ़ेगा रोजगार

रावत ने कहा कि राज्य में परियोजना के क्रियान्वयन से कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा. इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सकरार इस पैसे से खेती, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और उससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दगी. इससे पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मदद मिलेगी.

उत्तराखंड के औद्योगिक विकास के लिए भी हो रहा प्रयास

हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित इनवेस्टर समिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समिट का उद्घाटन करते हुए कहा था कि उत्तराखंड निवेशकों के लिए एक अलग तरह का स्पेशल इकोनॉमिक जोन (सेज) है. उत्तराखण्ड में सेज का मतलब है स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन. गंगा और हिमालय के कारण इसकी ताकत किसी अन्य सेज से लाखों गुना ज्यादा है. पीएम ने कहा कि कि बाबा केदार की भूमि में निवेश करने वाले दैवीय अनुभूति करेंगे. नई चेतना प्राप्त करेंगे. डेस्टिनेशन उत्तराखंड न्यू इण्डिया का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने उत्तराखंड सरकार के प्रयासों की सराहना के साथ ही निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश करने की बात भी कही.

कनेक्टिविटी बढ़ाने के भी हो रहे प्रयास

उत्तराखंड में देश के अन्य हिस्सों से कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं. चारधाम ऑल वेदर रोड़ व कर्णप्रयाग-ऋ षिकेष रेल परियोजना से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. प्रदेश सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है. अनेक तरह के नीतिगत सुधार किए गए हैं. आर्गेनिक खेती की भी यहां भरपूर सम्भावना है. एग्रीकल्चर में वेल्यू एडीशन से किसानों की आय बढ़ाने में सहायता मिलेगी.