देश में जल्द ही हाइड्रोजन फ्यूल सेल (Hydrogen fuel cell) वाली और इलेक्ट्रिक कारें चलती दिखाई देंगी.  इस तकनीक से बसों के चलाए जाने से एक तरफ जहां प्रदूषण में कमी आएगी वहीं जैविक इंधन की भी बचत होगी. देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी और विद्युत मंत्रालय के एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Limited) ने लेह (Leh) और नई दिल्ली (New Delhi) के लिए 10 हाइड्रोजन फ्यूल सेल (एफसी) आधारित इलेक्ट्रिक बसों और 10 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित इलेक्ट्रिक कारों के लिए वैश्विक स्तर पर एक्प्रेशन ऑफ इंट्रस्ट आमंत्रित किये हैं. एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम (एनवीवीएन) लिमिटेड ने ये एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी किया है.

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ग्रीन एनर्जी से चलेंगे वाहन

हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित वाहनों की खरीद, देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जिसमें ग्रीन एनर्जी (Green energy) से लेकर फ्यूल सेल (fuel cell)वाली गाड़ियों तक का संपूर्ण समाधान विकसित किया जाएगा.

पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू होगा ये काम

इस पहल के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से भी सहमति ली गई है.  लेह और दिल्ली की पायलट परियोजनाओं के हिस्से के रूप में  हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग तथा इसके भंडारण और वितरण की सुविधाएं विकसित की जाएँगी. हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को लॉन्च करने का उद्देश्य परिवहन के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन (carbon emission) को कम करना है.

 

सिटी ट्रांसपोर्ट में होंगे प्रयोग

एनटीपीसी सार्वजनिक परिवहन के तौर पर पूर्ण रूप से ई-मोबिलिटी  के तहत इलेक्ट्रिक गाड़ियां उपलब्ध कराने के लिए अलग अलग तकनीकों पर काम कर रहा है. इसमें आम लोगों को चार्जिंग सुविधा प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के साथ ही राज्य और शहर परिवहन (City transport) उपक्रमों को इलेक्ट्रिक बसें (Electric buses) प्रदान करना शामिल हैं. इस संबंध में, विभिन्न शहरों में 90 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन और फरीदाबाद में ई –थ्री व्हीलर्स के लिए बैटरी चार्जिंग (Battery charging) और स्वैपिंग स्टेशन पहले ही चालू किये जा  चुके हैं. इसी तरह, अंडमान और निकोबार प्रशासन के लिए ई - बस समाधान योजना को लागू किया गया है.