#BudgetOnZee : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को संसद में बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए. सरकार ने सबसे ज्यादा राहत खेती और किसानी सेक्टर को दी गई है. केंद्र सरकार ने गांव, गरीब और किसानों के लिए अपना पिटारा खोल दिया. 

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इस बार बजट से सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा जोर दिया है. प्रधानमंत्री की फिट इंडिया योजना को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाओं का बजट बढ़ाया गया है. 

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य देखरेख क्षेत्र के लिए पीएम जन औषधि योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये सहित 69000 करोड़ रुपये का आवंटन किया. उन्होंने घोषणा की कि बजट 2020 में तीन प्रमुख विषयों पर आधारित है. वित्तमंत्री ने कहा कि इन तीन विषयों में महत्वाकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और केयरिंग सोसायटी है. इसमें स्वास्थ्य भी शामिल है, जो शिक्षा व बेहतर रोजगार के अलावा मूल स्तंभों में से एक है.

संसद में बजट 2020-21 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के तहत अधिक अस्पतालों को सूची में शामिल किया गया है, ऐसा श्रेणी 2 व 3 शहरों में गरीब लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है.

उन्होंने कहा, "हमारे पास देश में स्वास्थ्य सेवा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है. मिशन इन्द्रधनुष को 12 बीमारियों को कवर करने के लिए विस्तार दिया गया है और पांच नए टीके जोड़े गए हैं. फिट इंडिया अभियान गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से लड़ने के लिए जरूरी है."

वित्त मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को कवर करने के लिए वाइबिलिटी गैस फंडिंग विंडो स्थापित होगी. इसमें महत्वाकांक्षी दो व तीन श्रेणी के जिलों को तरजीह दी जाएगी, जिसमें अस्पताल आयुष्मान भारत के तहत सूची में शामिल नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि बीमारियों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए मशीनों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों के लिए एक बड़ी मदद होगी.

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का विस्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा, "टीबी हारेगा देश जीतेगा' अभियान को 2025 तक क्षय रोग को समाप्त करने को मजबूती देगा.

स्वास्थ्य देखरेख क्षेत्र में कौशल विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि योग्य चिकित्सकों की कमी है- दोनों सामान्य चिकित्सक और विशेषज्ञ. पीपीपी मोड के तहत एक जिला अस्पताल को एक मेडिकल कॉलेज से जोड़ने का प्रस्ताव है. पहले चरण में महत्वाकांक्षी जिलों में इसे लागू करने की योजना है. इस योजना के विस्तृत कार्य जल्द किया जाना है.

उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये सहित 69,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव देती हूं व ओडीएफ अभियान की सफलता के बाद मैं इसे व्यावहारिक बनाए रखने के लिए 2020-21 में 12,300 करोड़ रुपये का प्रस्ताव देती हूं."