भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से तगड़ा छटका लगा है. हाईकोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अपने और अपनी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई पर रोक की मांग की थी. उसने अपनी याचिका में कहा था कि निचली अदालत और सरकारी जांच एजेंसियां उसकी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई (बेच) कर सकते हैं. इसपर रोक लगाई जाए. 

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विजय माल्या चाहता था कि जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट में उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) को चैलेंज करने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक लोअर कोर्ट और सरकारी जांच एजेंसियां उसके खिलाफ कोई ऐसी-वैसी कार्रवाई नहीं करे. उसने खुद को आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है.

बता दें, PMLA (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जनवरी महीने में माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किया है. उसने हाईकोर्ट में कहा कि मेरे खिलाफ यह आरोप असंवैधानिक है, इसलिए इसे हटाया जाए. माल्या पर बैंकों के 9000 करोड़ रुपये लेकर भागने का आरोप है. वह मार्च 2016 में ही लंदन भाग गया था.

इससे पहले लंदन हाईकोर्ट से शराब कारोबारी विजय माल्या को राहत मिली थी. वहां माल्या को गृह विभाग द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की इजाजत मिल गई है. कानूनी जानकारों के मुताबिक, अब पूरे मामले की हाई कोर्ट में एकबार फिर से सुनवाई होगी. अगर उसे वहां से राहत मिल जाती है तो ठीक, नहीं तो वह सुप्रीम कोर्ट जा सकता है.