बनारस हिंदू विश्वविद्लाय (बीएचयू) का इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईएमएस) जल्द ही एम्स जैसा संस्थान बन जाएगा. सरकार आईएमएस में सुविधाओं को उन्नत बनाने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ रही है. इस पर 616 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. नीति आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार आईएमएस के कामकाज में सुधार लाना चाहती है और इसे अधिक कार्यशील तथा वित्तीय स्वायत्तता देना चाहती है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

केंद्र आईएमएस बीएचयू को एम्स जैसे संस्थान की तरह विकसित करना चाहता है. केंद्र इसके लिए संस्थान में बिस्तरों की संख्या को बढ़ाने और सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए 2018-19 और 2019-20 में कुल 616 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. 

पुलवामा में हुए एनकाउंटर में घायल DIG अमित कुमार को इलाज के लिए AIIMS लाया गया

आईएमएस-बीएचयू को उन्नत करके एम्स की तरह बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच चार अगस्त 2018 को करार हुआ था. आईएमएस पहला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल होगा, जो कि बीएचयू अधिनियम द्वारा शासित होगा न कि एम्स अधिनियम के तहत. यह वाराणसी और उसके आसपास के जिलों के लिये बेहतर चिकित्सकीय सुविधा देने का काम करेगा.

(इनपुट-भाषा)