लॉकडाउन (Lockdown) के चलते फल-सब्जी की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. खरीदारों के न मिलने और ट्रांसपोर्टेशन के साधन कम होने से किसानों को अपने फल-सब्जियों को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर होना पड़ा है. आलम यह है कि किसानों को उनकी उपज की लागत भी नहीं मिल पा रही है, मुनाफा तो दूर की बात है. 

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किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा (Haryana) में 'भावांतर भरपाई योजना' (Bhavantar Bharpai Yojana) के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं. जो किसान लॉकडाउन के चलते इस योजना में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए उन्हें फिर से मौका दिया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाकर 31 मई तक कर दी गई है. 

हिसार (Hisar) के जिला बागवानी अधिकारी सुरेंद्र सिहाग ने बताया कि जिन किसानों ने अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है वे 31 मई से पहले रजिस्ट्रेशन करवा लें. रजिस्टर्ड किसान ही भावांतर भरपाई योजना का लाभ ले सकते हैं.

'भावांतर भरपाई योजना' के मुताबिक, सरकार ने फसलों की कीमत तय कर दी है. किसानों की फसल तय मूल्य से कम कीमत पर बिकने की स्थिति में अंतर की भरपाई सरकार करेगी. हिसाल जिले में करीब 20 हजार सब्जी उत्पादक किसान हैं.  

जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि सरकार ने टमाटर, प्याज, घीया और करेला सहित 9 फल व सब्जियों का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए समय सीमा बढ़ा दी है.

इन फल-सब्जियों की खेती करने वाले किसान 'मेरी फसल-मेरा ब्यौरा' पोर्टल www.fasalhry.in पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं. इसके अलावा किसान नजदीक के ई-दिशा के साथ मार्केटिंग बोर्ड व बागवानी विभाग के कार्यालय में आकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

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तय किया यह भाव

सरकार ने टमाटर का 500 रुपये प्रति क्विंटल, प्याज का 650 रुपये, भिण्डी का 1050 रुपये, घीया का 1450 रुपये, करेला का 1350 रुपये, मिर्च का 950 रुपये, बैंगन का 500 रुपये, शिमला मिर्च का 900 रुपये तथा आम का 950 रुपये क्विंटल के हिसाब से मूल्य तय किया है.

'भावांतर भरपाई योजना' के फायदे

- सब्जी काश्तकारों को जोखिम मुक्त करना.

- योजना में दर्ज 4 फसलों पर रुपए 48000/ - से रुपए 56000/ - प्रति एकड़ आमदनी सुनिश्चित करना.

- योजना के अंतर्गत टमाटर, प्याज, आलू एवं फूलगोभी के लिए संरक्षित मूल्य तय करना.

- मण्डी में तय अवधि के अन्दर सब्जी के कम दाम में बिकने पर उसकी भरपाई करना.

- BBY ई-पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों को संरक्षित मूल्य तक भाव के अंतर की सरकार भरपाई करेगी.

- इस स्कीम का लाभ भूमि मालिक, पट्टेदार या किराये पर काश्तकार ले सकते हैं.

- हरियाणा सरकार ने इस योजना को 1 जनवरी, 2018 को लॉन्च किया था.

(रिपोर्ट- रोहित कुमार/ हिसार)