Atal Bihari Vajpayee Jayanti: पत्रकार से प्रधानमंत्री तक का सफर, जिसने बदल डाली देश के सड़कों से लेकर शिक्षा की सूरत
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेयी, जिन्हे देश एक चहेता राजनेता, कुशल वक्ता और कवि के रूप में याद करता है, की आज 97वीं जयंती है.
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती है. वाजपेयी आजाद भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थे, जिन्होंने एक पत्रकार से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि उनके विकास के कार्यों ने देश के नागरिकों के जीवन पर काफी पॉजिटिव प्रभाव डाला है. उन्होने देश के विकास और मजबूती के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.
तीन बार बनें प्रधानमंत्री
अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री बन देश की सेवा की थी. पहली बार 1996 में वह देश के प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि उनकी सरकार केवल 13 दिन में ही बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण गिर गई थी. इसके बाद 1998 में वह एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बने थे. इस बार भी लगभग 13 महीनों में उनकी सरकार गिर गई. जिसके बाद 1999 में उन्होंने गठबंधन वाली सरकार का गठन किया, जिसने अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.
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पोखरण परीक्षण
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके पोखऱण परमाणु परीक्षण और करगिल युद्ध के लिए भी याद किया जाता है. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पोखरण में ऑपरेशन शक्ति के तहत परमाणु परीक्षण की मंजूरी दी थी. जिसके बाद भारत ने 11 और 13 मई, 1998 को सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण कर खुद को न्यूक्लियर पावर घोषित किया.
सर्व शिक्षा अभियान
अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी काम किया. वाजपेयी सरकार ने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की थी. इसके तहत 6 साल से 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलती. इस योजना के लॉन्च के 4 सालों के अंदर ही स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. सर्व शिक्षा अभियान में आईसीडीएस (ICDS) और आंगनवाड़ी समेत 8 प्रोग्राम शामिल रहे. इसमें KGBVY भी शामिल है.
कुशल वक्ता
अटल बिहारी वाजपेयी कितने कुशल वक्ता थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपनी पार्टी के अलावा वह अन्य विरोधी पार्टियों के भी चहेते थे. वाजपेयी वह पहले नेता थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया था. 1977 में मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री रहे वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया था.
कवि हृदय
एक प्रधानमंत्री होने के अलावा अटल बिहारी वाजपेयी को एक कवि के तौर पर भी जाना जाता है. उनकी कविताएं कदम मिलाकर चलना होगा, गीत नया गाता हूं, दो अनुभूतियां, मेरी इक्यावन कविताएं आदि बहुत ही चर्चित रही हैं.