भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार नियमों में संशोधन करता है. आधार को और सुरक्षित बनाने के लिए भी संशोधन जरूरी हैं. अगर संसोधन के बाद आपको आधार में अपनी जानकारी अपडेट करनी है तो नियमों को जानना बहुत जरूरी है. UIDAI ने हाल ही में आधार में नाम, लिंग (जेंडर) और जन्मतिथि को अपडेट करने के नियमों में बदलाव किया था. अब UIDAI ने आधार कार्ड में नाम, जन्मतिथि और जेंडर का विवरण अपडेट करने की सीमा तय की है. जन्मतिथि अपडेट करने पर पहले से ही बंदिश थी. सिर्फ एक बार ही इसे अपडेट कर सकते हैं. आइये जानते हैं क्या हैं दूसरे नियम...

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कितनी बार अपडेट कर सकते हैं नाम?

UIDAI के ऑफिशियल मेमोरैंडम के मुताबिक, आधार में नाम सिर्फ दो ही बार अपडेट किया जा सकता है.

कितनी बार बदल सकते हैं जन्मतिथि?

जन्मतिथि अपडेट करने के नियम काफी सख्त हैं. आधार में सिर्फ एक बार ही जन्मतिथि को बदला जा सकता है. इसमें आधार नामांकन के वक्त दर्ज की गई जन्मतिथि में तीन साल की अधिकतम रेंज (प्लस या माइनस) के साथ ही बदलाव की अनुमति है. अगर किसी व्यक्ति के पास नामांकन के समय जन्मतिथि के लिए प्रमाणित डॉक्यूमेंट नहीं है तो UIDAI में जन्मतिथि 'घोषित' या 'अनुमानित' लिखी जाएगी.

कितनी बार अपडेट कर सकते हैं लिंग?

UIDAI मेमोरैंडम के मुताबिक, आधार कार्ड में लिंग को सिर्फ एक ही बार अपडेट किया जा सकता है. 

आधार कार्ड में इन तीनों को अपडेट करने की सीमा के बाद भी अगर कोई अपना नाम, लिंग या जन्मतिथि अपडेट कराना चाहता है तो उसे एक्सेप्शन हैंडलिंग प्रोसेस का इस्तेमाल करना होगा. इसके लिए आधार कार्ड होल्डर को UIDAI के रिजनल ऑफिस में आवेदन करना होगा. 

क्या है एक्सेप्शन हैंडलिंग प्रोसेस?

अगर नाम, जन्मतिथि और लिंग को तय सीमा से ज्यादा बार अपडेट किया जाना है तो आवेदक को आधार एनरोलमेंट सेंटर (सुविधा केंद्र) पर जाना होगा. आवेदक को UIDAI के रिजनल ऑफिस को ई-मेल से सूचित करना होगा कि किस चीज के लिए उसने अपडेट किया है और क्यों? ई-मेल इसलिए भेजना जरूरी है कि इसे अपडेट को स्वीकार करने का अनुरोध माना जाएगा. ईमेल help@uidai.gov.in पर भेजना होगा.