Aadhaar and Voter list link: मतदाता कृपया ध्यान दें. जल्द ही आपको आधार और वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) को लिंक कराने पड़ सकते हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सरकार आधार कार्ड (Aadhaar) को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द ही जारी कर सकती है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, चंद्रा ने कहा कि मतदाताओं के लिए आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों को पर्याप्त वजहें बतानी होगी. चंद्रा ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने उन पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने में अहम भूमिका निभाई, जहां इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया ताकि मतदाता और चुनाव ड्यूटी में शामिल लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित रंहे. चंद्रा शनिवार की शाम को रिटायर हो रहे हैं. 

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प्रमुख चुनावी सुधार

खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि बतौर सीईसी उनके कार्यकाल में जो दो प्रमुख चुनावी सुधार हुए, उनमें 18 साल की आयु वाले मतदाताओं को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक के बजाय साल में चार तारीख उपलब्ध कराने का प्रावधान और मतदाता सूची (Voter list) में नकली प्रविष्टियों पर लगाम लगाने के लिए आधार (Aadhaar) कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना शामिल है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पहले हर साल एक जनवरी कट-ऑफ तारीख होती थी. हमने सरकार को आश्वस्त किया कि यह सुधार बहुत जरूरी है और इन लोगों का जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन होना चाहिए क्योंकि वे 18 साल के हो गए हैं. इस सुधार के साथ अब उन लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए एक साल में चार तारीख मिलेंगी जिनकी उम्र 18 साल हो गई है. यह सुधार पिछले 20 वर्षों से लंबित था.

युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ आसान

अभी तक 1 जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होने वाले लोग मतदाता के तौर पर रजिस्ट्रेशन करा सकते थे. इससे, 2 जनवरी को या उसके बाद 18 साल के होने वाले लोगों को मतदाता के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए एक साल इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब एक बार नियम जारी हो जाने के बाद युवा लोग हर साल चार अलग-अलग तारीखों पर मतदाताओं के तौर पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरा सबसे बड़ा सुधार आधार (Aadhaar) को मतदाता सूची से जोड़ना (Aadhaar and Voter list link) है ताकि नकली प्रविष्टियों पर रोक लगाई जा सके. इससे मतदाता सूची साफ-सुथरी हो जाएगी तथा और ज्यादा मजबूत बनेगी.

पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज जा चुका है

यह पूछने पर कि सरकार कब नियमों को नोटिफाई करेगी, चंद्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि बहुत जल्द, क्योंकि हमने इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज दिया है. हमने फॉर्म भी भेज दिए हैं जिनमें बदलाव होने हैं और ये विधि मंत्रालय के पास हैं. मुझे लगता है कि बहुत जल्द इन्हें मंजूरी मिल जाएगी. हमने भी अपना आईटी सिस्टम मजबूत किया है. यह पूछने पर कि क्या आधार (Aadhaar) की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा, उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा. लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी. इस वजह में, आधार न होना या उसके लिए आवेदन न करना या कोई दूसरी वजह हो सकती है.

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मतदाता सूची को त्रुटि-रहित बनाने में मदद मिलेगी

चंद्रा का मानना है कि आधार नंबर साझा (Aadhaar and Voter list link) करने से मतदाता सूची को त्रुटि-रहित बनाने में मदद मिलेगी. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि चुनाव आयोग अपनी संचार प्रणाली के जरिए मतदाताओं को ज्यादा सेवाएं मुहैया कराए. बतौर सीईसी सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे मुश्किल चुनौती कोविड-19 के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और विभिन्न उपचुनाव कराने की थी. उन्होंने कहा कि क्योंकि जब चुनावों का समय नजदीक आ रहा था तो हमने उस वक्त कभी नहीं सोचा था कि कोविड के मामले बढ़ने लगेंगे. अचानक हमें कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का पता चला. हमें तैयारी करनी पड़ी क्योंकि कोई भी इस स्वरूप के बारे में ज्यादा नहीं जानता था. इसलिए अचानक हमें मतदान प्रक्रिया और चुनावी तंत्र को सुरक्षित बनाने की तैयारी करनी पड़ी.