WPI inflation: सितंबर में रिटेल महंगाई में गिरावट के बीच थोक महंगाई लगातार निगेटिव ज़ोन में बनी हुई है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में शून्य से नीचे 0.26 प्रतिशत रही. सितंबर में यह घटकर (-) 0.26 प्रतिशत हो गई, जबकि पिछले महीने यह (-) 0.52 प्रतिशत दर्ज की गई थी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ये जानकारी दी.

सितंबर में थोक महंगाई के आंकड़े

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खाद्य महंगाई दर 5.62% से घटकर 1.54% (MoM)

कोर महंगाई दर -2.2% से बढ़कर -1.4% (MoM)  

फ्यूल एंड पावर WPI -6.03% से बढ़कर -3.35% (MoM)

प्राइमरी आर्टिकल WPI 6.34% से घटकर 3.70% (MoM)

जुलाई संशोधित WPI -1.36% से बढ़कर -1.23% (MoM)  

मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट WPI -2.37% से बढ़कर -1.34% (MoM)

क्यों आई गिरावट?

डीफ्लेशन मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में रासायनिक उत्पादों, खनिज तेल, कपड़ा, बुनियादी धातुओं और खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण है. आंकड़ों से पता चला कि थोक मुद्रास्फीति सितंबर में लगातार छठे महीने नेगेटिव जोन में बनी हुई है. इस साल मार्च में, प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन के सूचकांक में भारी गिरावट के कारण थोक मुद्रास्फीति 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई थी.

खुदरा महंगाई की क्या है स्थिति?

सितंबर महीने के लिए खुदरा महंगाई दर 5.02 फीसदी रही. अगस्त महीने में यह 6.83 फीसदी रही थी. खुदरा महंगाई तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. सितंबर तिमाही में ओवरऑल महंगाई के आंकड़ों की बात करें तो सितंबर में महंगाई दर 5.02 फीसदी रही, अगस्त में यह 6.83 फीसदी और जुलाई में 7.44 फीसदी थी.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें