राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण (एनएए) ने सोमवार को कहा कि जीएसटी दर में कटौती का लाभ वस्तुओं की बिक्री पर नहीं देने को लेकर आपूर्तिकर्ता इसके लिये जवाबदेह होंगे और उन्हें जुर्माना देना होगा. एनएए का अपनी तरह का यह पहला आदेश है.

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एक कंपनी के खिलाफ प्राधिकरण ने दी ये व्यवस्था

प्राधिकरण ने जयपुर की शर्मा ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ मामले में यह व्यवस्था दी. मामले में यह आरोप लगाया गया था कि आपूतिकर्ता ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के अनुसार वैसलीन के दाम में कमी नहीं की और वह सीजीएसटी कानून की धारा 171 का उल्लंघन कर मुनाफाखोरी में शामिल था.

पहले मामले की जांच की

इस संदर्भ में डिपार्टमेंटल स्टोर ने आवेदन दिया था. इसकी सबसे पहले मुनाफखोरी निरोधक पर गठित स्थायी समिति ने जांच की और बाद में मामले को विस्तृत जांच के लिये मुनाफाखोरी निरोधक महानिदेशालय को भेजा गया. जांच में पाया गया कि जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किये जाने का लाभ आपूर्तिकर्ता ने डिपार्टमेंटल स्टोर को नहीं दिया. एनएए ने अपने 24 पन्नों के आदेश में कहा कि शर्मा ट्रेडिंग कंपनी को सीजीएसटी कानून की धारा 122 के तहत जुर्माना देना होगा.