Union Budget 2020: G-20 की मेजबानी के लिए ₹100 करोड़ की घोषणा, 2022 में भारत करेगा अध्यक्षता
Union Budget 2020: वैश्विक नेताओं की यह बैठक आम तौर पर वित्त तथा व्यापारिक मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनर की मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले होती है. बैठक में वैश्विक नेताओं को चर्चा करने के लिए आर्थिक एजेंडा बनाया जाता है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को बजट (#BudgetOnZee) पेश करते हुए कहा कि भारत 2022 में जी-20 (G-20) प्रेसीडेंसी की मेजबानी करेगा और सरकार ने इसके ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. जी-20 के मंच पर भारत अपना वैश्विक आर्थिक एजेंडा चलाएगा. जी-20 दो देशों का एक इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन है, जिसमें अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ (ईयू), फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, इंग्लैंड और अमेरिका हैं.
इसमें स्पेन एक स्थायी आमंत्रित सदस्य या गेस्ट है. इसे विभिन्न उद्योगपतियों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साझा मंच प्रदान करने के लिए गठित किया गया था, जिसपर वे वैश्विक आर्थिक तथा वित्तीय स्थिरता पर चर्चा कर सकें. भारत 2022 में जी-20 प्रेसीडेंसी की मेजबानी कर रहा है तो उम्मीद की जा रही है कि वैश्विक आर्थिक एजेंडा चलाने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
वैश्विक नेताओं की यह बैठक आम तौर पर वित्त तथा व्यापारिक मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनर की मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले होती है. बैठक में वैश्विक नेताओं को चर्चा करने के लिए आर्थिक एजेंडा बनाया जाता है. वैश्विक आर्थिक एजेंडा में अपने कदम जमाने के लिए भारत वर्ष 2022 में यह अवसर भुनाना चाहेगा. वर्ष 2022 में भारत आर्थिक रूप से मजबूत टॉप 20 देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता करेगा. इसके बाद भारत वैश्विक आर्थिक एजेंडे को आगे ले जाएगा.
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जी-20 की शुरुआत वर्ष 1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की बैठक के तौर पर हुई थी. वर्ष 2008 में जी-20 के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था. सितंबर 1999 में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने जी-20 का गठन एक अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर किया था.