देश में आम चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. वोटिंग 19 अप्रैल से शुरू हो जाएगी. चुनावी महासमर में विजेता का ऐलान 4 जून को होगा. 7 चरणों में होने वाले इस चुनाव में अगले 5 साल के लिए किसकी सत्ता रहेगी उसका निर्णय होना है. आर्थिक ग्रोथ के लिहाज से ये चुनाव काफी अहम होने जा रहा. ऐसे में ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म UBS ने चुनाव और आने वाले नतीजों के लिहाज से दिलचस्प भविष्यवाणी की गई है, जिसका संभावित असर आने वाले सालों में देखने को मिल सकता है. इस रिपोर्ट का केंद्र आर्थिक ग्रोथ है. 

लोकसभा चुनाव पर UBS की रिपोर्ट 

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ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के 3 परिणाम की आने की संभावना है. पहला, BJP को पूर्ण बहुमत मिल सकता है. दूसरा, NDA को पूर्ण बहुमत मिलेगा. और तीसरा, देश में I.N.D.I अलायंस की कमजोर सरकार बन सकती है.

किसके बहुमत से कितनी बढ़ेगी की ग्रोथ?

UBS ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अगर BJP को पूर्ण बहुमत मिलता है तो विकसित भारत 2047 का रोडमैप सामने आएगा. नए टर्म के पहले 100 दिनों का एजेंडा तय होगा और सरकार कड़े फैसले लेगी. साथ ही भाजपा की सरकार में सप्लाई चेन, क्लीन एनर्जी, इंफ्रा, मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस रहेगा. 

NDA के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता हो तो रिफॉर्म जारी रहेंगे लेकिन कड़े फैसले लेने में मुश्किल होगी. तीसरे अनुमान में अगर I.N.D.I अलायंस की कमजोर सरकार बनती है तो रिफॉर्म को लागू करना मुश्किल होगा. इससे वित्तीय घाटे पर बाजार चिंतित हो सकता है.

सरकार में ग्रोथ पर UBS का आकलन

UBS ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लोकसभा चुनाव में BJP को पूर्ण बहुमत मिलता है तो वित्तीय घाटे का आंकड़ा कंसोलिडेट होगा. 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड नीचे आएगी. महंगाई दर 4-5% पर स्थिर रहेगी.  साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपया और मजबूत होगा. NDA को पूर्ण बहुमत मिलता है तो वित्तीय घाटा कंसोलिडेट होगा लेकिन मार्केट की उम्मीद से कम होगा.       

I.N.D.I. अलायंस के बहुमत से कितना बदलेगा ग्रोथ

NDA की जीत से 10 साल की बॉन्ड यील्ड नीचे जाएगी. महंगाई दर 5-6 % की रेंज रहने का अनुमान है. रुपया भी डॉलर के मुकाबले स्थिर रहेगा. जबकि अगर I.N.D.I. अलायंस को पूर्ण बहुमत मिलता है तो बाजार को वित्तीय घाटे में बढ़त का भय है. 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड बढ़ सकती है. महंगाई दर 5-6% रहेगी लेकिन बाजार चिंतित रहेगा. डॉलर के मुकाबले रुपए में शुरुआत में कमजोरी संभव है.