बीते हफ्ते भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो पर बंद हुआ. रुपया एक पैसे टूटकर 83.10 प्रति डॉलर पर आ गया है. इस गिरावट का कारण घरेलू बाजार में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली है. बीते हफ्ते निफ्टी और सेंसेक्स 0.6 फीसदी की गिरावट के साथ 19310 और 64948 अंकों पर बंद हुआ. शुक्रवार को FII ने 267 करोड़ रुपए की बिकवाली की.

विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर

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शुक्रवार को डॉलर की मजबूती दिखाने वाले Dollar Index 0.11 फीसदी घटकर 103.46 रह गया. Crude Oil 0.32 फीसदी घटकर 83.85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहा. बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, कमजोर घरेलू बाजारों और विदेशी कोषों की पूंजी बाजार से निकासी के कारण रुपए में मामूली गिरावट आई. हालांकि, अमेरिकी डॉलर की नरमी ने गिरावट को कम कर दिया. चाइनीज करेंसी युआन के 16 साल के निचले स्तर पर गिरने के बाद चीन के सेंट्रल बैंक के हस्तक्षेप से अमेरिकी डॉलर में नरमी आई. 

रिजर्व बैंक के एक्शन का भी दिख रहा असर

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए का भाव 83 रुपए से भी नीचे चले जाने को वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने असामान्य मानने से इनकार करते हुए कहा कि मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव की स्थिति सिर्फ भारतीय मुद्रा के साथ ही नहीं है. इसके साथ ही वित्त मंत्रालय के इस अधिकारी ने उम्मीद जताई कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से महंगाई पर काबू पाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर भी असर देखने को मिलेगा. 

अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने से दबाव बढ़ा है

अधिकारी ने कहा कि फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट चिंता का विषय नहीं है क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर विनिमय दर में हमेशा उतार-चढ़ाव होता है. उन्होंने कहा, "बॉन्ड यील्ड में बदलाव का सभी मुद्राओं पर असर पड़ता है और रुपया भी इसका अपवाद नहीं है.

रुपया के फिसलने से बढ़ेगी महंगाई

यह पूछे जाने पर कि क्या रुपए की कीमत में गिरावट से आयात महंगा होने का असर महंगाई पर भी पड़ेगा, उन्होंने कहा, "यह निश्चित रूप से एक मुद्दा है लेकिन मुझे यकीन है कि रिजर्व बैंक अपने निर्णय लेते समय इस बात को ध्यान में रखेगा."  दिसंबर 2022 में डॉलर के मुकाबले रुपया 82.6 के भाव तक गिर गया था लेकिन उसके बाद से इसमें क्रमिक रूप से मजबूती का रुख देखा जा रहा था. हालांकि अगस्त के महीने में इसमें एक बार फिर कमजोरी आने लगी है.

15 महीने हाई पर महंगाई

बता दें कि सब्जियों और खाने-पीने की दूसरी चीजों की कीमतें बढ़ने से जुलाई में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) अपने 15 महीने के टॉप लेवल पर पहुंच गई है. जुलाई में यह 7.44 फीसदी दर्ज की गई है. इसके पहले जून, 2023 में ये 4.87 फीसदी और पिछले साल जुलाई, 2022 में ये 6.71 फीसदी थी.

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