केंद्रीय रिजर्व बैंक की केंद्रीय मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की आज मंगलवार से बैठक शुरू गई है. साल की पहली बैठक के नतीजे गुरुवार को आने हैं, इसके पहले पॉलिसी रेट को लेकर जो अनुमान आ रहे हैं, वो इसी ओर संकेत दे रहे हैं कि इस बार भी सेंट्रल बैंक की ओर से लगातार रेट को स्थिर ही रखा जाएगा. अनुमान है कि लगातार छठवीं बार रेट जस के तस रहेंगे, लेकिन निवेशकों की नजर इस पर है कि महंगाई के राहतभरे आंकड़ों और राजकोषीय घाटे को कम करने पर फोकस रहा बजट लाने के बाद सातवीं बार कोई बदलाव आएगा या नहीं.Reuters के पोल में 60 अर्थशास्त्रियों में से 59 ने यही अनुमान जताया है कि 6-8 फरवरी को हो रही बैठक में केंद्रीय बैंक रेपो रेट को 6.50% पर ही स्थिर रखेगा.

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IDFC First Bank के इकोनॉमिस्ट गौरव सेन गुप्ता ने कहा कि "अगर संकेत मिलने के लिहाज से बोलें तो स्टांस बदलना अभी जल्दबाजी हो सकती है, क्योंकि महंगाई अभी भी 4% के लक्ष्य से ऊपर है और रेट कट की शुरुआत की उम्मीद जून/अगस्त से ही की जा सकती है. ऐसे में हमारी उम्मीद है कि अभी आरबीआई अपना स्टांस बरकरार रखेगा और इस बार रेट में कोई बदलाव नहीं होगा."

QuantEco Research के इकोनॉमिस्ट विवेक कुमार ने कहा कि "बजट को इस पक्ष में देखा जा सकता है, लेकिन चूंकि नजदीकी वक्त में ग्रोथ-इंफ्लेशन ट्रैजेक्टरी में कोई बदलाव शायद ही हो, जिसके चलते MPC अभी अपना लक्ष्य महंगाई दर को 4% से नीचे लाने पर ही फोकस रख सकती है."

आरबीआई ने मई, 2020 के बाद से महंगाई को काबू करने के लिए पॉलिसी रेट में 250 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की, लेकिन फरवरी, 2023 से रेट को लगातार 6.50% पर ही स्थिर रखा गया है. आरबीआई का मीडियम टर्म टारगेट 4% का है और महंगाई तबसे इसके 2-6% के रेंज के ऊपर ही रही है.

(Reuters से इनपुट)